गाल्जिकाय क्या है | गाल्जिकाय(Golgi body )-कार्य,सरंचना

गाल्जिकाय क्या है

Golgi body बॉडी सभी सभी प्रकार के युकारियोटिक कोशिका में पाए जाने वाला कोशिकांग है,गोलजी बॉडी का सर्वप्रथम अवलोकन सेंट चार्ज द्वारा सन 1867 में किया गया

किन्तु इसकी वास्तविक पहचान कैमिलो गोलजी ने 1898 में ने उल्लू तथा बिल्ली की तंत्रिका तंत्र की कोशिकाओं में इस कोशिकाओं को देखा तथा इसका विस्तृत वर्णन इंटरनल रेटिनल अपेरेट्स नाम से किया बाद में कैमिलो गोलजी के नाम से ही इसे गाल्जिकाय का कहा गया

गाल्जिकाय -जीव कोशिका के साथ ही उच्च वर्गी पौधों में भी पाया जाता है जिन जंतुओं में  लाल रक्त कणिका पाया जाता है उनमें गाल्जिकाय का अभाव होता है किंतु golgy बॉडी स्त्रावी तंत्र में पूर्ण विकसित होते हैं

गाल्जिकाय की संरचना

गाल्जि  गोलगी बॉडी फास्फोलिपिड और प्रोटीन की बनी अकाल कोशिकांग होती है तथा या 10 तरीके समान दिखाई देती है इसकी संरचना निम्नलिखित है

  • चपटी कोश या सिस्टर्नी
  •  आशय ( वेसिकल्स )
  • रिक्तिका या धनिया ( vacuoles)

चपटी कोश या सिस्टर्नी

यह लंबी नलिका  और चपटे कोर् होते हैं तथा एक दूसरे की समांतर पट्टी के रूप में व्यवस्थित होते हैं प्रत्येक प्रकार की कोशिका में इनकी संख्या अलग-अलग होती है कोशिका के बारे में खोज करने वाले हाल का कहना है कि इनकी संख्या 4 से 7 तक होती है

सिस्टर्नी  कोशिकाएं एंडोप्लास्मिक रेटिकुलम से संबंध होती है

 आशय ( वेसिकल्स )

प्रत्येक सिस्टर्नी कोशिका  से बहुत दूर पर अनियमित आकार की गोल गोलाकार संरचना होती है  इनका आकार अलग-अलग होता है सामान्यतः इनका आकार 400 से 800 A होता है आशय का निर्माण सिस्टर्नी  कोशिका की आकुंचन और मुकुलन के परिणाम स्वरुप होता है

 यह दो प्रकार का होता है

चिकने आशय

इनका आकार 20-80 माइक्रोन होता है तथा इसमें स्ट्रावी पदार्थ भरा होता है, इसकी बाहरी सतह चिकनी होती है

कोटेड आशय

यह गोलाकार रचना होता है जिनका व्यास 500 होता है इसका बाहरी सतह  खुरदूरी होती है

रिक्तिका या धानिया ( vacuoles)

यह सिस्टर्नी के सिरों पर पाए जाने वाला गोलाकार आशय के रूप में होता है तथा यह सिस्टर्नी के विस्तार के कारण बनता है

Golgy body के कार्य

  • यह पदार्थ को कोशिका से बाहर भेजने का काम करता है
  • इसके द्वारा पैकेजिंग का कार्य किया जाता है और इसका परिवहन किया जाता है इसमें जायमोजन,लेक्टो प्रोटीन, मेलानिन कॉलेजोंन शामिल है 
  • पौधों में पाए जाने वाली प्राथमिक और द्वितीय कोशिका भित्ति के पदार्थ का परिवहन किया जाता है
  • जब कोशिका विभाजन किया जाता है कोशिका के कोशिका की परिधि में पाए जाने वाले golgy complex से बनी वेसिकल्स आपस में मिलकर कोशिका प्लेट बनती है
  • Golgy body के द्वारा जीव जंतुओं में  शुक्राणु के बनते वक्त शुक्राणु की अग्रभाग में acrosom का निर्माण करता है

golgy complex के द्वारा लाइसोसोम का निर्माण किया जाता है

CONCLSION –

 इस पोस्ट पर हमने golgy के बारे में विस्तार से वर्णन किया है जिस पर हमने जाना की इसकी खोज सर्वप्रथम सेंट जॉर्ज ने किया था किंतु सबसे पहले कैमिलो golgy ने उल्लू और बिल्ली की तंत्रिका तंत्र में देखा और इसका स्पष्ट वर्णन किया इसके बाद ही इसका नाम कैमिलो golgy जी के नाम पर कैमिलो बॉडी किया गया इसकी संरचना सिस्टर्नी,आशय ( वेसिकल्स ) और रिक्तिका के रूप में होता है 

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