ग्रीनहाउस प्रभाव क्या है | हरितगृह प्रभाव | हरितगृह प्रभाव के कारण

दोस्तों आज हम आपको बताएँगे की ग्रीनहाउस प्रभाव क्या है – और यह खतरनाक क्यों है 

ग्रीन हाउस प्रभाव क्या है ( WHAT IS GREEN HOUSE EFFECT ) –

ग्रीन हाउस प्रभाव क्या है-जब सूर्य प्रकाश पृथ्वी में आकर कुछ परावर्तित हो जाती हैं इस परावर्तित किरणों में infra red विकिरण भी होता हैं इसमें temperature फैलाने का गुण होता हैं इसी infra red विकिरण का अवशोषण green house गैस द्वारा किया जाता हैं जिससे जिससे वायुमंडल के तापमान में वृद्धि होती है , इसमें मुख्य  गैस कार्बन डाई ऑक्साइड है 

ग्रीन हाउस क्या है ( WHAT IS GREEN HOUSE )

 ग्रीन हाउसठंडे प्रदेशो में  सब्जी की खेती करने के लिए एक कांच का घर बनाया जाता है जिसके  अंदर सब्जिओ को खेती की जाती है, इसमें ऐसा कांच लगा होता है जो सूर्य की प्रकाश को अंदर आने देता है और प्रकाश की तापमान को STORE कर लेता है, इसे है GREEN HOUSE (हरितगृह) कहा जाता है

ग्रीन हाउस में सब्जी उगाने का यह फायदा है की इसमें सब्जी के पौधों को बर्फ में जमने से बचाकर 25-35 अंश तापमान पर उन्हें उगने के लिए माहौल दिया जाता है जो की खुले जगह संभव नही है

WHAT IS GREEN HOUSE

 

greenhouse gases definition –

जिन गैसों से से पृथ्वी की तापमान बढ़ती है वे गैस greenhouse gases है

प्रमुख ग्रीनहाउस गैसें और उनके स्रोत

GREEN HOUSE GASES इनकी संख्या बहुत अधिक है किन्तु हम आपको कुछ बहुत जरुरी गैसो का नाम बताते हैं

कार्बन डाई ऑक्साइड –

जब जिवास्म ईंधन का उपयोग किया जाता हैं तब उसके दहन से वायु मण्डल में इसका निष्कासन होता हैं, यह सिर्फ पेड़ पौधे द्वारा ही CONTROL किया जा सकता है, GREEN HOUSE प्रभाव में यह 60% भाग लेता है , वर्तमान में बहुत ज्यादा मोटर गाड़ियों में जीवाश्म ईंधन का प्रयोग किया जाता है जिससे ईंधन का पूर्णतः दहन नहीं हो पाता जिससे कार्बन डाई ऑक्साइड का निर्माण होता है इसके अलावा और भी इसके कारक जैसे फैक्ट्री , कोयला जलाना, घरो में चूल्हे में लकड़ी का उपयोग आदि इसके कारण है

मिथेन –

प्राकृतिक गैस और कोयला के दहन से मिथेन का निर्माण होता है इसके अलावा धान की खेती से भी मिथेन बनता है

नाइट्रस ऑक्साइड –

अद्योगिक क्रिया कालापो से इस गैस का निर्माण होता है

SF6 GAS –

यह वातावरण में बहुत कम मात्रा में पाया जाता है किन्तु यह कार्बन डाई ऑक्साइड से 23000 गुना अधिक तापन प्रभाव दिखता है

जल वास्प –

ग्रीन हाउस में अधिक प्रभावी नही है परन्तु यह भी कारक पदार्थ है

HOW TO CONTROL GREEN HOUSE GAS  – 

इसको नियंत्रित करने के  लिए निम्न काम करने होंगे 

प्रदूषण नियंत्रित कर –

अधिक मात्रा में  प्रदुषण से हवा में green हाउस गैस अधिक बनते हैं इसके लिए ऐसी policy बनायीं जाय जिससे pollution नियंत्रण किया जा सके किन्तु ऐसे rools और policy की कमी नही हैं दुनिया में, जरुरी हैं इसे आम इंसान और गवर्नमेंट खुद से ही follow करें तो जादा अच्छा होता

जनसंख्या नियंत्रित कर

अधिक जनसंख्या अधिक संसाधन की मांग करती हैं इसलिये pollution को प्रारम्भ में ही रोकने के लिए जनसंख्या नियंत्रण पर जोर देना होगा

Green energy का उपयोग –

petrol, diesel, natural गैस ये सभी जिवास्म ईंधन हैं जिससे कार्बन युक्त धुआँ निकलता हैं जिससे हरित गृह प्राभव उत्पन्न होता है इसलिये इनके उपयोग से बचना चाहिए और solar, energy, hydro power, biofuel, bio diesel आदि का उपयोग करना चाहिए

पेड़ लगाकर –

कार्बन का अवसोसन tree द्वारा किया जाता है इस लिए अधिक से अधिक पेड़ लगाकर कार्बन उत्सर्जन को रोका जा सकता है इसे कार्बन अधीग्रहण कहा जाता है

GREEN HOUSE GAS लाभदायक  क्यों  है 

हमने GREEN HOUSE के हानिकारक प्रभाव आपको बताया चलिए अब आपको इसकी एक अच्छी बात बताते है 

अगर ग्रीन हाउस गैस नहीं होती पृथ्वी में तब GLOBAL COOLING बढ़ जाती जिससे पूरी पृथ्वी ICE AGE जैसा मौसम बन जाता और चारो तरफ बर्फ ही बर्फ होता  , है न रोचक बात, नियन्त्रित मात्रा में  ग्रीन हाउस गैस होना बहुत जरुरी है जिससे पृथ्वी का तापमान उतना ही बढे जितना जरुरी हो 

ग्रीन हाउस प्रभाव के नियंत्रण हेतु अंतराष्ट्रीय पहल

Kyoto protocol – यह ग्रीन हाउस प्रभाव के नियंत्रण हेतु अंतराष्ट्रीय कार्यक्रम है 1997 में जापान के  Kyoto शहर में unfcc के तहत एक सम्मलेन आयोजित किया गया था इसमें india के अलावा 190 देशों ने भी भाग लिया था ,Kyoto protocol से अमेरिका सहमत नही था और हस्ताक्चर नही किया

 इस प्रोटोकॉल के  तहत निम्न निर्णय लिया गया

  1. औद्योगिक देशों को को ग्रीन हाउस उत्सर्जन में कमी लाने हेतु बाध्य करता है
  2. विकसित देशो कोक्योटो protocol के तहत  बाध्य करता है क्योंकि यही देश अधिक green house गैस पैदा करते हैं 
  3. कार्बन क्रेडिट के तहत यदि कोई company एक लिमिट से कम कार्बन उत्सर्जित करती है तो उस company को कार्बन क्रेडिट दिया जाता है जिसे वह दूसरे को बेच भी सकता है तब यह कार्बन ट्रेडिंग कहलाती है 

ग्रीन हाउस प्रभाव क्या है

दोस्तों  आपने  जाना की     WHAT IS GREEN HOUSE EFFECT –   क्या होता है और किस प्रकार इसे नियंत्रित किया जा सकता है तो आइए संकल्प ले की अब और पेड़ नहीं काटेंगे और अधिक पेड़ लगाएंगे ।

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