ग्लोबल वार्मिंग क्या है ( global warming in hindi )-दोस्तों आप सभी global warming के बारे मे हलके पुल्के तो अवश्य जानते होंगे आज हम आपको ग्लोबल वार्मनिंग क्या है और ग्लोबल वार्मिंग कैसे होती है के बारे मे विस्तार से बताएँगे
ग्लोबल वार्मिंग क्या है-
ग्लोबल वार्मिंग पृथ्वी की वातावरण में शामिल जैव मंडल, स्थल मंडल और वायु मंडल में जब सामान्य तापमान से अधिक तापमान निरंतर बढ़ती जाये तब यह वैश्विक तापन में वृद्धि या ग्लोबल वार्मिंग कहलाती है
हमारी पृथ्वी पर एक तापमान का सामान स्तर होता था किंतु कुछ सालो में हमारी पृथ्वी के औसत तापमान में बहुत ज्यादा वृद्धि देखि जा रही है जो की पूरी विश्व एक साथ बढ़ रही है इसलिए इसे ग्लोबल वार्मिंग कहा जाता है इसकी वजह से पृथ्वी में उपस्थित पेड़ पौधे और जिव जंतु में इसका बहुत बुरा प्रभाव दिखने लगा है
अधिकांश जिव जंतु और पेड़ पौध की जनसंखय पर इसका डायरेक्ट प्रभाव पड़ा है जिसके कारण उनकी जनसँख्या में बहुत ज्यादा कमी दिखने लगी है इसके साथ ही उनके आवास और आहार की समस्या भी अलग से है और अभी तो यह सुरुवात है आगे क्या होगा यह एक सोचने वाली बात है
What is global warming in hindi
Global warming दो शब्दो से बना है global जिसका अर्थ होता है वैश्विक और warming मतलब तापमान में वृद्धि होना ,वैश्विक तापमान में वृद्धि ही Global warming कहलाता है
Global warming क्यों हो रही है –
मानवीय क्रियाकलापो से प्रदूषण फैलता है जिसके कारण पृथ्वी के atmosphere में प्रदुषण का स्तर बढ़ गया है जिसकी वजह से सूर्य की प्रकाश किरणे, प्रदूषण द्वारा ग्रहण कर लिया जाता है जिससे दिनों दिन atmosphere में तापमान बढ़ता है जिससे पृथ्वी भी गर्म रहती है
ग्लोबल वार्मिंग के प्रभाव –
इसके बहुत सारे प्रभाव है चलिए जानते है विस्तार से
प्राकृतिक आपदा –
1990 के आते आते पृथ्वी में अनेक प्राकृतिक आपदा आने लगे हैं जो वर्तमान काल में भयानक स्तिथि में पहुंच गया हैं जिसके करण गर्म हवा और अधिक गर्म हो गयी हैं और बादल अब अधिक फटने लगे हैं जिससे मुशला धार बारिश होती हैं जो पृथ्वी पर आपदा लती हैं, मारुस्थल का आकार पानी नही गिरने की वजह से दिनों दिन बढ़ रहा है
महासगरो का अधिक गर्म होना –
20-21 सदी के सुरुवात से ही महासागर की तापमान असामान्य तरीके से बढ़ रही है क्योंकि पानी में तापमान सोखने का गुण होता है और यही मुख्य वजह है समुद्री तापमान बढ़ने का, तापमान में वृद्धि से पानी में छारीयता (base ) बढ़ जाती है जिससे मूंगा या प्रवाल की मृत्यु होने की वजह से समुद्री जीव और मूंगा चट्टान की जैव विविधता समाप्त हो जाती है
गलेशियर का पिघलना –
Global warming की वजह से बर्फ के गलेशियर पिघलना प्रारम्भ हो रहें हैं क्योंकि जिस तापमान पे वे जमे थे अब वो तापमान बढ़ रहा है इसकी वजह से सागरो में जल स्तर काफ़ी जादा बढ़ने लगा है जिससे प्राकृतिक स्थल और इंसानी बस्ती पानी में डूबने लगे हैं,
पश्चिम बंगाल में स्थित द्वीप इसके उदाहरण है जहाँ कभी इन्सानि लोग रहते थे वह जगह अब पानी आ गया है और यही सब हुआ वहाँ के जंगली जानवरो के साथ भी ,तो कहने की बात यह है की वैश्विक तापन को नियंत्रण करना बहुत आवश्यक है
CLIMATE CHANGE –
पिछले कुछ सालो में लगता है मौसम अपना रास्ता भूल चूका है,क्योंकि जो बरसात का मौसम होता है उसमे अच्छी खासी गर्मी पडती है, ठण्ड में पानी गिरती है और गर्मी के मौसम में बदल ढका होता है जिससे कभी बहुत गर्मी और कभी पानी गिरने की वजह से उमस आ जाता हैं, यह सब मौसम में बदलाव के वजह से हुआ है ,वैश्विक तापन का इसपे बहुत जादा प्रभाव पड़ा है
भूमण्डलीय तापन –
पृथ्वी के ऊपरी सतह में सामान्य तापमान से अधिक तापमान का होना बहुमण्डलीय तापन कहलाता है जिससे जीवो को सीधे तापमान का एहसास होता है
वैश्विक तापन के कारण
GREEN HOUSE EFFECT -जब सूर्य की प्रकाश में स्थित ULTRA VIOLET और INFRA RED पृथ्वी में आती है तब इसमें से INFRA RED विकिरण का वायु मण्डल में स्थित GAS के द्वारा ग्रहण कर लिया जाता है जिससे ATMOSPHERE गर्म हो जाता है और जब पृथ्वी चारो ओर से HOT ATMOSPHERE से घिरी हो तो पृथ्वी का तापमान बढ़ना लाजिमी है
प्रमुख GREEN HOUSE GAS –
कार्बन डाई ऑक्साइड, मिथेन, नाइट्रस ऑक्साइड, फ़्लूरिनेटेड GAS आदि से तापमान बढ़ता है
SOOT –
जिसको कालिख या black carbon कहा जाता है, जब कोयला, PETROL, डीज़ल, OIL का अपूर्ण दहन होता है इससे जो राख बनता है वह POWDER जैसा होता है यही SOOT कहलाता है
ये राख जैसे कण ,सूर्य प्रकाश को अवसोसित कर अपने आस पास मौजूद हवा को भी गर्म करते हैं
जब ये कण बर्फ पर गिरते हैं तब प्रकाश को अवसोसित कर खुद गर्म हो जाते हैं जिससे बर्फ की तापमान मे वृद्धि से बर्फ पिघलने लगती है
कृषि के कारण –
मानव द्वारा कृषि कार्य से बहुत जादा पर्यावरण प्रदूषण होता है इससे green house गैस बनता है जो global warming हेतु जिम्मेदार है
- कृषि में यंत्रो का सहारा लिया जाता है जिससे कार्बन मोनो ऑक्साइड का उत्सर्जन होता है
- खेतो में यूरिया के प्रयोग से नाइटरीफिकेशन और डि नाइटरीफिकेशन परिवर्तन से नाइट्रस ऑक्साइड बनता है
- धान के खेत में ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में मिथेन गैस का निर्माण होता है
अल नीलो –
यह समुद्री गर्म जल धारा है जो climate change करती है जिसके कारण वैस्विक तापन में वृद्धि होती है
जिवास्म ईंधन के उपयोग से –
आज वर्तमान में transport के लिए petrol या disel का उपयोग motar गाड़ियों में किया जाता है ये जिवास्म ईंधन ( जीवाश्म ईंधन क्या है ) पूरी तरह से जल नही पाते जिसकी वजह से धुआँ का अधिक निर्माण होता है और यही धुआँ carbon कण होता है जो सूर्य की किरण को अवसोसित कर गर्म हो जाता है जिससे atmosphere भी गर्म होकर वैश्विक तापन का हिस्सा बनता है
पेड़ पौधे को काटना
पेड़ पौधे पृथ्वी के लिए जीवन रक्छक की भाती है इंसान आज अपने व्यक्ति गत लाभ के लिए अनगिनत पेड़ो की कटाई कर चूका है, जो पेड़ हमें फल, ऑक्सीजन, लकड़ी, छाव, और पानी के लेवल को सामान्य रखता है ,आज वही पेड़ कम हो गए हैँ,
amazon के विशाल वर्षा वन जिन्हे धरती का फेफड़ा कहा जाता हैँ आज वह भी सुरछित नही है, एक tree global warming, green house effect, carbon absorb जैसे कई चीजों को सामान्य करता है अतः हमें पेड़ और जंगल को बचाना होगा
Thermal and neuclear power –
भारत में अधिकांश इलेक्ट्रिकल ऊर्जा thermal power से generate किया जाता है जिसमे कोयला का उपयोग होता है जिसके अपूर्ण दहन से जिससे fly aish का निर्माण होता है यह वायुमंडल में जाकर green house effect पैदा करता है
neuclear power में नाभिकीय ऊर्जा का उपयोग कर ऊर्जा प्राप्त किया जाता है जिससे ऊष्मा और विकिरण energy के रूप में निकलती है जो global warming हेतु जिम्मेदार है
global warming solutions
इसके लिए निम्न तरीके अपनाये जाने जरुरी हैं
Green energy का उपयोग –
मतलब ऐसा ईंधन जिससे पर्यावरण प्रदूषण ना हो इसमें इलेक्ट्रिकल एनर्जी ,solar energy उपयोग किया जाता है जिससे पोल्लुशन नही होता
Biofuel and biodiesel का उपयोग –
Biofuel and biodiesel को lab में plants, animal fat, और खाद्य तेल का उपयोग कर बनाया जाता है जिसे petrol या diesel के साथ मिला कर उपयोग किया जाता है जो pollution कम करने में बहुत प्रभावी हैं
आर्गेनिक खेती –
ऑर्गेनिक खेती बहुत अच्छा विकल्प है ,मानव के पास इससे हमें दो प्रकार के फायदे होंगे
- पहला POLLUTION CONTROL होगा ORGANIC चीजों के उपयोग से
- दूसरा हरी सब्जी मिलेगी जिसमे CHEMICAL बिलकुल नही होगा और स्वस्थ्य वर्धक भी होगा
Geothermal energy –
का उपयोग कर इलेक्ट्रिक पैदा किया जा सकता हैं जिससे thermal power का उपयोग कम करना होगा, विश्व में सबसे जादा अमेरिका Geothermal energy का उपयोग कर इलेक्ट्रिक पैदा करता है, भारत में पूरगा घाटी – लद्दाख से और तातापानी – छत्तीसगढ़ में Geothermal place है जहाँ reserch चल रहा है
Ocean energy –
समुद्री ज्वार और भाटा का उपयोग कर turbine चलाया जाता हैं जिससे इलेक्ट्रिकल पावर जनरेट होगी जो global warmmig को बिलकुल प्रभावित नही करता
Hydro power –
जिस country में नदिया अधिक हो वहाँ पानी के उपयोग से turbine चला कर विद्युत उत्पन्न किया जा सकता है, ऊर्जा उत्पन्न करने का यह सबसे अच्छा माध्यम है जो पूरी तरह पर्यावरण के अनुकूल है
Wind turbine –
का उपयोग वहाँ किया जाता है जहाँ पर हवा का प्रवाह 3-9 किलोमीटर प्रतिघंटा हो ऐसा स्थान india में तमिलनाडु में है पवन चक्की पूर्णतः प्रदूषण रहित है
आपने जाना – ग्लोबल वार्मिंग क्या है
आज हमने जाना की वैश्विक तापन क्या है (what is global warming in hindi ) क्या है और यह Global warming किस प्रकार पृथ्वी को प्रभावित करती है, दोस्तों मैं एक पर्यावरण प्रेमी हुँ और मेरा ये मानना है की पेड़ पौधे वतावरण को स्वच्छ रखती है इस कारण पेड़ पौधे हमारी पृथ्वी की सेहत हेतु बहुत जरुरी है इसलिये पेड़ पौधों को कटे जाने से बचाना बहुत जरुरी है इसलिये हमने अपने इस post मे meaning of global warming in hindi के बारे मे विस्तार से बात की है और मैं आपसे ये निवेदन करता हुँ की आप भी प्रकृति को स्वच्छ रख अधिक संख्या में पेड़- पौधे लगाए और clean india, green india की मुहिम को सफल बनाये
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