इलेक्ट्रॉनिक कचरा क्या है ? | इलेक्ट्रॉनिक कचरा का प्रबंधन कैसे करें | WHAT  IS E-WASTE

इलेक्ट्रॉनिक कचरा क्या है –दोस्तों आज वर्तमान में इंसान के पास भौतिक सुख सुविधाएं  की कमी नहीं है जिसकी वजह से ELECTRONICS WASTE सामान का ढेर लग गया है और ये सभी जब उपयोग से बाहर हो जाएँगी तो इन्हे  E WASTE (इलेक्ट्रॉनिक कचरा ) कहा  जायेगा चलिए हम आपको E WASTE MANAGEMENT के तरीके बताते है 

इलेक्ट्रॉनिक कचरा क्या है ( WHAT  IS E WASTE ) –

ELECTRICAL या  ELECTRONICS उपकरण का उपयोग करने के बाद बेकार हो जाना , जिसके बाद  इन SOLID WASTE का  दोबारा उपयोग नहीं हो पाता  ये  इ  वेस्ट  बनने का करक है

इनमें बहुत सारे धातुए और खतरनाक CHEMICAL होते हैं जो मनुष्य की HEALTH को प्रभावित करती है

खतरनाक धातुए और  CHEMICAL  के नाम – CADMIUM, बेरेलियम, क्रोमियम , पारा, सीसा जैसे  तत्व इंसान के लिए  बहुत खतरनाक साबित होते हैँ

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इलेक्ट्रॉनिक कचरा उत्पन्न होने की वजह

अधिकतम इलेक्ट्रिकल उपकरण और सामान सभी  इलेक्ट्रॉनिक कचरा बनाते हैं  इनमें, TV, FRIDGE, RADIO, वाशिंगमशीन, COMPUTER,MOBILE, घडी और   अनेक घरेलु उपकरण जैसे BULB, CFL, LED LIGHT आदि E WASTE बनाते हैं

E WASTE बनने का कारण –

अधिकांश  विकसित  देश अपने आय के लिए जादा से जादा ELECTRONICS सामान का प्रोडक्शन करती हैं और निर्यात भी करती है, जिसकी वजह से पुरे WORLD मे  इनके सामान की SUPPLY होती है और आज प्रति व्यक्ति आय बढ़ने की वजह से सभी अपने जीवन को आसान बनाने हेतु अनेक घरेलु सामान का उपयोग करती है

जिसके वजह से ELECTRONIC सामान की बाढ़ आ गयी है हम अपने पुरे जीवन मे  उपकरण से घिरे रहते हैं ,HUMAN की   उपभोग की प्रबल आकांछा इ  वेस्ट बनने  का  प्रमुख कारण है

 

 इलेक्ट्रॉनिक कचरा के प्रभाव

  • आज के भौतिक वादी जीवन मे science और technology की वजह से इंसान का जीवन आसान हो गया है पर इंसान की इसी लालसा की वजह से वह खुद और दूसरे बेज़ुबान पशु भी अधिक प्रभावित होते हैं।
  • इ  वेस्ट  आज हर जगह फैले है घर मे, घर  के बाहर मे, कबाड़ी के पास, खुले जगह मे, खेतो मे, प्राकृतिक स्थानों और कभी कभी उन जगहों मे भी जहाँ इंसान खुद कभी नही पंहुचा,आप मेरी बात समझ गए होंगे।
  •   वेस्ट    जब आहार श्रृंखला और पानी से मिलती है तब बहुत समस्या आती है, क्योंकि खेतो और पानी मे ये waste चले जाते है और इसी का उपयोग हम पानी पिने और खेतोे मे  अन्न उगाने के लिए करते हैं जो सीधे हमारे human body मे प्रवेश करती है।

इलेक्ट्रॉनिक कचरा जनित रोग – 

  • मिनमाता रोग – पारा की वजह से जापान मे मिनमाता रोग फैला था, हुआ यह था पारा वहाँ के पानी मे मिल गया था जो सीधे मछली के body मे  चली गयी और फिर वही पारा मछली को खाने से  human body मे भी आ गयी जिससे बहुत ही बुरा प्रभाव वहाँ के नागरिकों को पड़ा और कई लोगो की मृत्यु भी हुई 
  • इटाई -इटाई रोग – यह भी एक human disease है जो  cadmium  का human body मे आने की वजह से हड्डीओं की जोड़ में दर्द  होता है
  • सीसा ( lead )  से human  body में  आने पर nervous system पर  प्रभाव डालता  है 

इलेक्ट्रॉनिक कचरा  प्रबंधन  – 

इलेक्ट्रिकल waste को कही भी कूड़े कचरे मे फेकने के बजाये उन्हें एक जगह पर रखकर  कबाड़ी वाले को बेचा जा सकता है या आज कल कई ऐसी कम्पनी भी है जिन्हे आप बेच सकते हैं , ELECTRONICS WASTE  को खुले खेत या पानी मे फेकने से बचना चाहिए

BESAL CONVENTION –

BESAL CONVENTION एक अंतर्राष्ट्रीय  संधी है जिससे ELECTRONICS WASTE या इलेक्ट्रिक कचरे को दो से अधिक देशो के बीच स्थाननांतरण को प्रतिबंधित करती है  INDIA में पर्यावरण मन्त्रयालय ने  खतरनाक अपसिस्ट प्रबंधन  अधिनियम 2008 को  अधिसूचित किया है 

शुद्धिकरण तरीके

DECONTAMINATION– इसमें सभी धातुओ को छाटा जाता है जिसमे  धत्विक पदार्थ और अधात्विक पदार्थ को अलग कर उनकी सफाई की जाती है

DISMANTLING – जब धत्विक पदार्थ और अधात्विक पदार्थ को अलग किया जाता है तब अगला काम होता है,  सभी धातुओ को छाट कर अलग अलग डिब्बा मे रखा जाता है जिसके बाद उनकी packing करके उन factory मे भेजा जाता है जहाँ इनसे नये सामान बनाये जाते हैं 

“इलेक्ट्रॉनिक कचरा क्या है ” के बारे आप कुछ पूछना चाहते हैं तो कृपया comment box में जरूर क्वेश्चन पूछे हमें आपकी प्रतिक्रिया का इंतजार रहेगा, आप हमारे वेबसाइट vigyantk.com पर यू ही आते रहे जहाँ पर हम विज्ञान , प्रोद्योगिकी, पर्यावरण औऱ कंप्यूटर जैसे विषयो पर जानकारी साझा करते है

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