दुनिया की पहली रेलगाड़ी, 1804 में राष्ट्रीय रेलमार्ग के रूप में ज्वेन लोमनीया द्वारा विकसित की गई थी।

यह रेलगाड़ी केमरडन माइन कोलीरी में बालबी माइन के लिए उपयोग होती थी

 इस रेलगाड़ी को उचित संरचना और तेज गति के साथ निकाला जाता था

यह रेलगाड़ी रेलवे ट्रैक पर चलती थी, जिसमें धातु रेल इंजन गाड़ी खींचने के लिए इस्तेमाल होती थी

यह रेलगाड़ी बाढ़ के समय भी संचालित की जा सकती थी, जो इसकी विशेषता थी

 यह रेलगाड़ी अपने समय में एक तकनीकी अद्वितीयता का प्रतीक थी

रेलवे संचालन के विकास के लिए महत्वपूर्ण आधार स्थापित की

इस पहली रेलगाड़ी ने बाद में विश्व भर में रेलगाड़ी के विकास की प्रेरणा दी और आधुनिक रेलवे नेटवर्क की नींव रखी।

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