वर्षा वन किसे कहते हैं ? | उष्णकटिबंधीय वर्षा वन (rain forest) क्या है

वर्षा वन किसे कहते हैं- वर्षा वन एक प्रकार का वन होता है जो प्रायः वर्षा और नमी वाले क्षेत्रों में पाया जाता है। ये वनस्पतियाँ विशेष रूप से वर्षा के अनुकूल होती हैं और नमी युक्त मिट्टी में विकसित होती हैं। इन वनों में वर्षा के अधिक होने के कारण प्राकृतिक रूप से वनस्पतियों का विकास होता है। वर्षा वन विशेष रूप से उस क्षेत्र के अनुकूल वातावरण में उच्च वर्षा और नमी के निर्माण में मदद करता है। इन वनों में प्राकृतिक तरीके से वन्य जीवन को संरक्षित किया जाता है और प्राकृतिक संतुलन को बनाए रखने में मदद की जाती है। आइए इसके बारे में विस्तार से जानते है

वर्षा वन किसे कहते हैं ( rain forest kya hai )

उष्णकटिबंधीय वर्षा वन वे वन हैं जो हमेशा भू मध्य रेखा के असपास पाये जाते है , भू मध्य रेखा के आसपास होने की वजह से वहा अधिक मात्रा में वर्षा होती है ,  ऐसे स्थान पर  न्यूनतम सामान्य वार्षिक वर्षा 1750-2000 मि॰मी॰ (68-78 इंच) के बीच होता है

साल भर वर्षा होने के कारण वर्षा वनों का  निर्माण होता है। पृथ्वी पर पाए जाने वाले हैं ऐसे वनों को वर्षा वन कहा जाता है , इस प्रकार के वन सदाबहार वन होते हैं

प्राकृतिक संतुलन और वन्य जीवन के लिए ये वन बहुत जरुरी होते है। इन वनों में उच्च वर्षा और नमी के क्षेत्रों में प्राकृतिक रूप से वन्य जीवन को संरक्षित किया जाता है और वन्यता को बढ़ावा दिया जाता है। इनमें पौधों की विविधता, जैव आवास, और जलवायु से संबंधित विविधता भी देखी जा सकती है

आधुनिकता और विकास के इस दौर में, वर्षा वनों की रक्षा और संरक्षण अत्यंत महत्त्वपूर्ण है। जलवायु परिवर्तन और अन्य मानवीय गतिविधियों से इनपर बुरा प्रभाव पड़ता है

  

वर्षा वन ( रेनफॉरेस्ट ) कहां पाया जाता है

यह अधिकांश उन जगहों पर पाए जाते हैं जो भूमध्य रेखा के आस-पास हो पूरी पृथ्वी पर जहां-जहां भूमध्य रेखा है उस आसपास की जंगल  रेनफॉरेस्ट होंगी

भारत में वैस्टर्न घाट में वर्षा वन पाये जाते है जो मुख्य रूप शाहायाद्री पर्वत श्रृंखला का एक भाग है, यह छेत्र महाराष्ट्र से लेकर तमिलनाडु तक फैला हुआ है

वर्षा वन ( रेनफॉरेस्ट )भूमध्य रेखा के आसपास क्यों पाए जाते हैं

रेनफॉरेस्ट हमेशा रेनफॉरेस्ट हमेशा भूमध्य रेखा के आस पास पाए जाते हैं,क्योंकि भूमध्य रेखा के आसपास हमेशा तापमान अधिक होता है.

तापमान अधिक होने की वजह से भूमध्य रेखा में पूरे साल भर बारिश होती रहती है इस कारण इस आस पास पाए जाने वाले जंगलों में ऐसे पेड़ पौधों की प्रजाति पाई जाती है जो गर्मी और वर्षा को सहन कर ले जिसकी वजह से रेनफॉरेस्ट में हमेशा हरियाली छाई रहती है, इसलिए वर्षा वन सदाबहार वन कहलाता है

वर्षा वन सदाबहार क्यों होते है

अधिकांश लोग सोचते हैं कि सदाबहार वन मैं पेड़ पौधों की पत्तियां नहीं टूटती यह झड़ते नहीं है किंतु हम आपको बता दें की दुनिया में कोई भी ऐसा पेड़ नहीं है जिसकी पत्तियां ना गिरती हो

 किंतु सदाबहार वनों में ऐसी क्या खासियत होती है कि उन्हें सदाबहार वन कहा जाता है तो,दोस्तों जानने योग्य महत्वपूर्ण बात यह है कि सदाबहार वन में पाए जाने वाले पेड़ पौधों की पत्तियां पूरे साल भर कर एक- एक कर गिरती रहती हैं 

और उनके स्थान पर नए पत्ते आते जाते हैं जिस कारण हमें पता ही नहीं चलता कि पत्तिया गिर रही है जिससे हमें पता ही नहीं चलता की इन वनों में पतझड़ कब आ रहा है और कब जा रही है जिसकी वजह से यह जंगल हमेशा  हमेशा सदाबहार दिखाई देता है

जबकि  पतझड़ वनों में पाए जाने वाले पेड़ पौधों में जनवरी से मार्च के बीच उनके पूरे पत्ते टूट कर गिर जाते हैं जिससे कि पतझड़ साफ दिखता है,किंतु इसी जगह वर्षा वन में पाए जाने वाले पेड़ पौधों की पत्तियां पूरे साल भर एक एक कर गिरती रहती हैं 

वर्षा वनों की मुख्य विशेषता

यहाँ पाया जानेवाली जैव विविधता और पेड़ पौधों की ढेर सारी प्रजाति और इसका कारण भी है क्योंकि वर्षा वन में जब हरियाली साल भर रहेगी तब वहां पर पाए जाने वाले जीव जंतु उस स्थान को छोड़कर कहीं और नहीं जाएंगे जिससे उनकी संख्या दिनों दिन बढ़ती जाती है 

जो जैव विविधता के लिए महत्वपूर्ण कारक है इसके अलावा वर्षा वन में अनेक प्रकार के पेड़ पौधों की प्रजातियां पाई जाती है जोकि पारिस्थितिक तंत्र में उत्पादन को बढ़ाती है और एक नए प्रकार के परितंत्र का निर्माण करती है जिससे कि वर्षा वनों की इकोसिस्टम  सामान्य  वनों से अलग दिखाई पड़ती है

भारत में वर्षा वन कहा कहा पाए जाते है

हमारा भारत भूमध्य रेखा के पास में है जिस कारण भारत में भी सदाबहार वर्षा वनों की अच्छी खासी क्षेत्रफल है भारत की ज्योग्राफी को देखा जाए तो भारत में वेस्टर्न घाट और तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में वर्षा वर्षा वन की जंगल फैला हुआ है

 किंतु इंडिया में वेस्टर्न घाट में जो सदाबहार जंगल है उसकी बात ही अलग है वेस्टर्न घाट महाराष्ट्र से प्रारंभ होकर तमिलनाडु तक फैली हुई है इन जंगलों की मुख्य विशेषता समुद्री तट लगे होने के कारण प्राकृतिक सौंदर्य में बहुत ज्यादा वृद्धि होना है

वेस्टर्न घाट के जंगलों में अत्यधिक मात्रा में जैव विविधता ( जैव विविधता क्या होता है )पाई जाती है इसके अतिरिक्त इकोटोन (ईकोटोन क्या है ) की उपलब्धता जैव विविधता को बढ़ाती है वेस्टर्न घाट में ही साइलेंट घाटी नेशनल पार्क है जो अपने शांत माहौल के कारण भारत में बहुत प्रसिद्ध है ,ऊटी के जंगल लंबे पेड़ और अत्यधिक हरियाली वर्षा वन को बहुत सुंदर बनाती है वर्षा वनों में जैव उत्पादकता बहुत अधिक होती है

अमेज़न की वर्षा वन

दुनिया में वर्षा वनों की कोई कमी नहीं है किंतु अमेजॉन की वर्षा वन की बात ही अलग है,एक समय अमेजॉन की वर्षा वन earth के बहुत बड़े भाग पर पाई जाती थी किंतु  सोयाबीन की खेती करने के लिए अमेजॉन की वर्षा वनों को काट दिया गया 

जिससे इन का क्षेत्रफल बहुत कम हो गया आज के वर्तमान वक्त में इनकी कुल क्षेत्रफल पृथ्वी में 8,% से भी कम हो गया है एक समय अमेज़न की वर्षा वनों को ” पृथ्वी का फेफड़ा ” कहा जाता था 

क्योंकि यहां पाए जाने वाले वर्षा वन संसार में सबसे अधिक क्षेत्रफल पर पाए जाते थे जिसकी वजह से यहां पर ऑक्सीजन की ज्यादा उत्पादन होता था और इसके अलावा जय विविधता अमेजन के वर्षा वनों में सर्वाधिक थी और आज भी है किंतु पहले की तुलना में जय विविधता कम हो चुकी है 

इसका सिर्फ एक ही कारण है कि इंसानों की पैसों के प्रति लालच ,इंसानों की पैसों के प्रति लालच ने उन्हें इतना गिरा दिया है कि वह अपने पर्सनल यूज लिए प्रकृति की चीजों से खुलकर छेड़छाड़ कर रहे हैं जिससे कि आने वाले वक्त में बहुत सारे पर्यावरण संकट पैदा होते हैं और पैदा होंगे भी

 जिसका भुगतना भी हम मनुष्य को ही है मनुष्य को चाहिए कि पृथ्वी की बेहिसाब वर्षा वनों को संरक्षित करें क्योंकि यह पृथ्वी की इको सिस्टम को मैनेज करने का काम करती है और पृथ्वी के  वातावरण में उपलब्ध कार्बन डाइऑक्साइड और कार्बन सोखने वाले सिस्टम को ग्रीन कार्बन कहा जाता है इसलिए मनुष्य को चाहिए कि वर्षा वनों के अलावा और भी प्रकार के वनों की रक्षा की जानी चाहिए

वर्षा वनो के पेड़

ये पेड़ वर्षा से जुड़े भूमिगत तत्वों को संतुलित करते हैं। उनकी जड़ें भूमि में मजबूती और फैली हुई शाखाएं जीवो को छाव और भोजन प्रदान करती हैं, इसके अतिरिक्त ये पेड़ वर्षा और नमी को बेहतरीन तरीके से संरक्षित रखाता है।ये पेड़ वन्य जीवन के आवास के रूप में भी काम करते हैं। उनके वृक्षों पर अनेक प्रकार के जानवर, पक्षी और जीवों को आवास मिलता है, जो वन्यता को बढ़ावा देता है

इस प्रकार के वनों में रोजवुड आबनूस और महोगनी प्रकार के पेड़ पाए जाते है

 वर्षा वन किसे कहते हैं (varsha van kise kahte hai)

वर्षा वन वे वन होते हैं जो भूमध्य रेखा के आस पास पाए जाते हैं इन जंगलों में साल भर अत्यधिक मात्रा में वर्षा होती है जिसके कारण  ये वन हमेशा सदाबहार होते हैं 

 और पेड़ पौधों पौधों की कई  प्रजातियां अत्यधिक मात्रा में पाई जाती है जिसके कारण इन जंगलों में जैव विविधता भी अधिक होती है हमारे इंडिया में वर्षा वन वेस्टर्न घाट में अधिकांश पाए जाते हैं जहां पर कई प्रकार के जीव जंतु पाए जाते हैं

इसके अतिरिक्त अमेजन के वर्षा वन को तो आप जानते होंगे वहां पर भी अत्यधिक मात्रा में जैव विविधता पाई जाती है वर्षा वन को ऑक्सीजन उत्पादन की दृष्टि से महत्वपूर्ण माना गया है आप  सभी को वन के प्रकार के बारे में हमारे इस पोस्ट को पढ़ना चाहिए जिससे आपको और ज्यादा समझने में मदद मिलेगी 

वर्षा वन धरती के संतुलन और प्राकृतिक समृद्धि के लिए महत्त्वपूर्ण हैं। हमें इन्हें संरक्षित रखने और प्रबंधित करने की आवश्यकता है ताकि हम वन्य जीवन और प्राकृतिक संतुलन को संरक्षित रख सकें। इनके महत्त्व को समझकर, हमें इनकी संरक्षण के लिए कदम उठाने चाहिए ताकि हम भविष्य की पीढ़ियों को भी एक स्वस्थ और संतुलित पर्यावरण मिल सके।

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