टिकाऊ खेती क्या है -sustainable agriculture ( पर्यावरणीय खेती )की अवधारणा आधुनिक काल की खेती का परिभाषा है एक तरह से यह व्यावसायिक कृषि कार्य करने का तरीका है जिसमें बिना किसी रसायन का उपयोग कर कृषि कार्य किया जाता है
इसका उद्देश्य होता है ऑर्गेनिक चीजों का उपयोग करते हुए खेती करना और लाभ कमाना वर्तमान वक्त में टिकाऊ खेती पर्यावरण और स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से बहुत ज्यादा जरूरी है आज हम इस पोस्ट पर आपको बताएंगे कि टिकाऊ खेती क्या है और टिकाऊ खेती कैसे की जाती है चलिए विस्तार से टिकाऊ खेती के बारे में जानते हैं
टिकाऊ खेती क्या है
यह खेती का आधुनिक तरीका है जिसमें पर्यावरण को बिना किसी प्रकार का हानि पहुंचाए बगैर वर्तमान आवश्यकता को पूरी करने के लिए अधिक मात्रा में और पोषण पदार्थ युक्त फसलों का उत्पादन करना मुख्य उद्देश्य होता है
इस हेतु टिकाऊ खेती में पूरी तरह से ऑर्गेनिक पदार्थ का उपयोग फार्मिंग के लिए किया जाता है जिसके कारण पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य पर किसी भी प्रकार का नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता है
यह खेती कार्बनिक पदार्थ पर निर्भर है इस कारण इसे कार्बनिक खेती भी कहा जाता है टिकाऊ खेती में खाद,क्रॉप रोटेशन मिनिमल टिलेज, एग्रोफोरेस्ट्री,मल्टीलेवल कल्टीवेशन,एनिमल हसबेंडरी इन सभी फार्मिंग की तरीकों का इंटीग्रेशन किया जाता है जिसकी वजह से फसल उत्पादन के साथ-साथ ही पूरी तरह से ऑर्गेनिक खाद और ऑर्गेनिक फसल भी लिया जाता है
टिकाऊ खेती के प्रमुख लाभ
- कीटनाशक और शाकनाशी का उपयोग ना करने पर पर्यावरण पर इसका नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता जिसकी वजह से फसलों में अनुवांशिक विभिन्नता नहीं आती
- रासायनिक खादों का उपयोग ना करने से फसलों में रासायनिक पदार्थ का प्रवेश नहीं हो पाता जिसकी वजह से फसल प्रदूषित नहीं होती
- मृदा उर्वरता हमेशा बरकरार रहती है
- मृदा प्रदूषण नहीं होती
- मृदा हमेशा स्वस्थ रहती है
- मृदा की पोषण में पोषण वैल्यू लगातार बनी रहती है
- मृदा की जल धारण क्षमता बढ़ती है
- फार्मिंग के साथ सिल्विकल्चर पोल्ट्री फार्मिंग एग्रोफोरेस्ट्री सोशल फॉरेस्ट्री करने के कारण मिट्टी की संरचना में लगातार ऑर्गेनिक पदार्थ मिलते रहते हैं जिससे मिट्टी की पोषण वैल्यू बढ़ती जाती है
टिकाऊ खेती की विषेसताये
टिकाऊ खेती का महत्व
कम लागत
टिकाऊ खेती का उपयोग करने पर कमला बताता है कम लागत आता है क्योंकि इस प्रकार की खेती में ऑर्गेनिक पदार्थ और फार्मिंग के कई तरीकों का इंटीग्रेशन होता है जिसकी वजह से ऑर्गेनिक खाद इंटीग्रेटेड पेस्ट मैनेजमेंट जैसे जैविक चीजों का उपयोग करें लागत को कम किया जा सकता है
पर्यावरण के अनुकूल
टिकाऊ खेती पूरी तरह से ऑर्गेनिक खेती पर निर्भर है जिस कारण किसी भी प्रकार की रसायनिक पदार्थ का उपयोग नहीं होता जिसकी वजह से पर्यावरण प्रदूषण नहीं होता इसलिए इसे पर्यावरण अनुकूल कहा जाता है
पोषक खाद्य पदार्थ प्राप्त होना
सस्टेनेबल एग्रीकल्चर का मुख्य उद्देश्य होता है कि ऑर्गेनिक फार्मिंग का उपयोग करते हुए ऐसे फसल का उत्पादन करना जो उच्च पोषक तत्वों से भरपूर हो
कम लागत अधिक लाभ
टिकाऊ खेती का मुख्य उद्देश्य होता है कि ऑर्गेनिक खेती के साथ-साथ ही कृषि लागत को कम कर अधिक उत्पादन कर लाभ कमाया जा सके इसके लिए बहुत सारे कृति की अन्य पद्धतियों का कृषि कार्य के साथ-साथ किया जाता है जैसे सिल्विकल्चर पीसी कल्चर जैसे पोल्ट्री फार्मिंग,गोट फार्म,
डेयरी उद्योग इत्यादि इन सब की वजह से कृषि कार्य में फसलें होती ऑर्गेनिक खाद प्राप्त होती है और इसके साथ ही जाने वाली अन्य गतिविधियों से कृषक बंधु की आय में डायरेक्ट वृद्धि होती है
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