प्लॉटर क्या है | प्लॉटर कितने प्रकार के होते हैं

प्लॉटर क्या है ( plloter kya hai )

प्लॉटर  एक ऐसी  इलेक्ट्रॉनिक मशीन है जो किसी वस्तु की डिजाइन या ग्राफिक्स को प्रदर्शित करती है इसके द्वारा हार्डकॉपी आउटपुट के रूप में बनाया जा सकता है,आमतौर पर अधिकांश इसका उपयोग प्रिंटिंग और डिजाइन बनाने के लिए किया जाता है प्लॉटर के द्वारा एक बहुत बड़ा फ्लेक्स पर किसी फोटो को हायर  regulation में प्रिंट किया जा सकता है आज हम इस पोस्ट पर आपको बताएंगे कि प्लॉटर क्या है और प्लॉटर कैसे काम करता है

प्लॉटर क्या है

प्लॉटर एक आउटपुट डिवाइस जो चार्ट,चित्र,maps और 3-dimension  इमेज को हार्ड कॉपी के रूप में प्रिंट करता है , आज बहुत सारी ऐसी कंपनियां हैं जो प्लॉटर का निर्माण करती है डिजाइनिंग और प्रिंटिंग में प्लॉटर का बहुत ज्यादा उपयोग होता है

प्लॉटर के प्रकार

ग्राफिक्स प्लॉटर

इस प्रकार की प्लॉटर में विज्ञान इंजीनियरिंग एप्लीकेशन के द्वारा बिल्डिंग निर्माण और मशीन के पार्ट्स की डिजाइन करने के लिए इसका उपयोग किया जाता है यह बहुत फास्ट काम करते हैं लेकिन दूसरे प्लॉटर की तुलना में महंगे होते हैं

इसके लिए फ्लैट बेड प्लॉटर पेपर पर रंगीन पेन का उपयोग किया जाता है जिसके लिए इसमें गियर्स होते हैं जो पेन को लेफ्ट टू राइट और पेपर को आगे पीछे करने का काम किया जाता है इस प्रकार लेफ्ट राइट और आगे पीछे होते हुए किसी मॉडल का डिजाइन होता है

इस प्रकार के प्लॉटर के दो प्रकार हैं

पेन प्लॉटर-इसमें रंगीन पेन होता है जो इमेज को बनाने के लिए उपयोग होता है

इलेक्ट्रोस्टेटिक प्लॉटर-यह एक लेजर प्रिंटर के समान होता है

ड्रम प्लॉटर

इस प्रकार के प्लॉटर में पेन सिंगल एक्सिस में गति करता है और पेपर एक ड्रम के ऊपर गति करते जाता है जिसके कारण एक लंबे फ्लेक्स पेपर पर इसकी प्रिंट करने की विशेषता होती है

इलेक्ट्रोस्टेटिक प्लॉटर

 यह प्रोडक्ट हाई वोल्टेज वाले विद्युत ऊर्जा का उपयोग करते हैं इससे टोनर पिघल कर पेपर पर गिरते हैं जिससे ग्राफिक्स का निर्माण होता है परंतु इसमें बनने वाला डिजाइन दूसरे प्लॉटर की तुलना में इतनी अच्छी नहीं होती

ड्रम पेन प्लांटर

इस प्रकार के प्लांटर में एक अच्छे किस्म का रंगीन पेन का उपयोग किया जाता है जिससे बहुत ही अच्छी डिजाइन बनाई जा सकती है इस में उपयोग होने वाले पेपर एक drum के ऊपर आगे पीछे होता है ड्रम पेन प्लांटर एक मैकेनिकल डिजाइनर की तरह किसी डिजाइन को पेपर पर ड्रा करता है इसमें बनाया जाने वाला डिजाइन में रंगों का उपयोग करने से चित्र बहुत मनमोहक बनता है

इस में उपयोग होने वाले पेन में फाइबर टिप्स और उच्च क्वालिटी की तकनीकी ड्राफ्टिंग पेन का उपयोग होता है, इन पेनो की विषेसता  है कि यह एक इंच की हजारवे हिस्से के बराबर लाइन खींचने की क्षमता रखते हैं इस प्रकार के प्लांटर में रंगीन पेन की संख्या 1 से 4 तक होती है और एक चित्र को बनाने में बहुत ज्यादा वक्त नहीं लगता

फ्लैट बेड प्लैटर

इस प्रकार के प्लॉटर में पेपर एक फ्लैट बेड पर पूरा बिखरा हुआ होता है और बिल्कुल भी गतिशील नहीं होता बल्कि इसमें उपयोग होने वाला इलेक्ट्रिक पेन और टोनर लेफ्ट राइट और आगे पीछे भी गति करते हैं जिसके कारण ग्राफिक्स का निर्माण होना संभव हो पाता है लेकिन यहां पर  ग्राफिक्स बनाने के लिए कागज को आवेषित करने की जरूरत पड़ती है इसके लिए तारों की छोटी-छोटी जाल की सहायता से पेपर पर ग्राफिक्स बनाया जाता है फ्लैट बेड इलेक्ट्रोस्टेटिक प्लॉटर की गति तो बहुत फास्ट होती है किंतु पेन प्लांटर  की तुलना में ग्राफिक्स की गुणवत्ता कम होती है

ड्रम प्लांटर और फ्लैट बेड प्लांटर दोनों में पेन और इलेक्ट्रोस्टेटिक तकनीक का उपयोग होता है

Conclusion – प्लॉटर क्या है

प्लॉटर एक आउटपुट डिवाइस जो एक कंप्यूटर सिस्टम से कनेक्ट होती है जब कंप्यूटर से इसको इंस्ट्रक्शन मिलता है तब यह किसी पेपर या फ्लेक्स पर डिजाइन बनाता है एक प्लैटर की टेक्नोलॉजी के अनुसार से प्लॉटर के कई प्रकार होते हैं जिसमें से  ड्रम प्लॉटर,फ्लैट बेड प्लांटर प्रमुख है,प्लांटर में उपयोग होने वाले पेन रंगीन भी होते हैं जिससे कि मनमोहक ग्राफिक्स,पेपर पर बनाया जा सके वर्तमान काल में अच्छे ग्राफिक्स वाले पोस्टर या पेपर का निर्माण प्लॉटर द्वारा ही किया जाता है इसके द्वारा एक अच्छी खासी लंबे और चौड़े पेपर पर ग्राफिक्स प्रिंट किया जाता है

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