संघ आर्थोपोडा
यह जंतुओं में सबसे बड़ा संग है जिसके अंतर्गत 900000 जातियां आती है इस संघ में सधी युक्त पैर वाले जीव शामिल किए गए है इस संघ का स्थापना का श्रेय VON SIEBOLD को जाता है
संघ आर्थोपोडा के प्रमुख लक्षण
- इस संघ के जीव जंतु जल थल वायु सभी प्रकार के पारिस्थितिक तंत्र में पाए जाते
- इनका शरीर भी खंड युक्त होता है
- खंडों में एक जोड़ी पैर लगा होता है
- आर्थोपोडा संघ की जीवन में शरीर सिर वक्छ और उदर में विभाजित होता है
- इनका शरीर कई स्तर का बना होता है
- बाय कंकाल मोटी कईटीन का बना होता है
- इनमें रक्त का प्रवाह देहगुहा से होता है
- इसमें पाया जाने वाला आहार नाल पूर्ण विकसित होता है
- पेशी तंत्र विकसित प्रकार का होता है
- उत्सर्जन तंत्र में मैलेपिघी नलीका और हरित ग्रंथि सहायक होती है
- आर्थोपोडा संघ में अंतः स्रावी तंत्र पाया जाता है
- फेरोमोन स्त्रावण के द्वारा आपस में संपर्क स्थापित करते हैं
- आर्थोपोडा संघ के सभी जीव एक लिंगी होते हैं
- इनके लारवा में क्रम बंद परिवर्तन के बाद ही जीव व्यस्क अवस्था प्राप्त करता है
CONCLUSION – संघ आर्थोपोडा
तो दोस्तों हमने इस पोस्ट पर आप को संघ आर्थोपोडा संपूर्ण जानकारी दी है जिसमें हमने संघ आर्थोपोडा के लक्षण के बारे और इस संघ में उपस्थित जीवक बारे में जानकारी दी है