परासरण और विसरण में क्या अंतर है
क्रमांक | विसरण | परासरण |
इस प्रकार के विलियन मे अधिक सांद्रता वाले पदार्थ, कम सांद्रता वाले पदार्थ की ओर प्रवाहित होते हैं | इसमें विलायक के अणुओ के अर्द्ध पारगम्य झिल्ली से उच्च रासायनिक विभव से निम्न रासायनिक विभव वाले विलयन की ओर प्रवाहित होती है | |
2 | विसरण किसी भी माध्यम में संभव हो पाता है | परासरण क्रिया केवल तरल माध्यम मे ही संभव है |
3 | इसमें अर्द्ध परगम्य झिल्ली की अवश्यकता नहीं पडती | परासरण क्रिया के लिए अर्द्ध पारगम्य झिल्ली का होना आवश्यक है |
4 | विसरण- क्रिया मे विसरण मे शामिल अणुओ की मुक्त पर ऊर्जा पर निर्भर करता हैं | परासरण की क्रिया मे एक विलायक द्वारा दूसरे विलेय पर ऊर्जा के reduction ( हास )पर निर्भर करता है |
5 | इसमें सम्पूर्ण भाग मे शामिल अणुओ की सांन्द्रता को बराबर किया जाता है | इसके द्वारा अर्द्ध पारगम्य झिल्ली की दोनों ओर की पदार्थो की सांन्द्रता बराबर नहीं किया जा सकता |
6 | विसरण मे विलेय के विभव पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता | परासरण विलेय की विभव पर पूर्ण तह आश्रित होता है |
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