अग्नाशय क्या है | अग्नाशय के कार्य | अग्नाशय से स्त्रावित होर्मोनेस और जठर रस

अग्नाशय एक ऐसा मिश्रित ग्रंथि है जिसके द्वारा endocrine  और  exocrine  प्रकार का हारमोंस स्त्रावित होता है जिसके द्वारा पाचन और शरीर नियंत्रण से संबंधित बहुत सारे क्रिया को संपन्न कराया जाता है आइए इस पोस्ट पर हम आपको अग्नाशय ग्रंथि के कार्य ,अग्नाशय से स्त्रावित होर्मोनेस और जठर रस इन सब के बारे में हम विस्तार से चर्चा करेंगे

अग्नाशय क्या है

यह उदर गुहा में पाई जाने वाली एक एक ग्रंथि है जो 15 से 20 सेंटीमीटर तक फैली होती है जिसका रंग हल्का गुलाबी होता है यह शरीर में एकमात्र ऐसा मिश्रित ग्रंथि है जिसके द्वारा हारमोंस के दो प्रकार एंडोक्राइन और एग्जॉक्रिन को स्ट्रावित किया जाता है, अग्नाशय  (pancreas ) के द्वारा शरीर के बहुत सारे क्रियाओं को नियंत्रित किया जाता है यह सिर्फ पाचन में ही सहायता नहीं करती बल्कि शरीर में हारमोंस को स्त्रावण कर शरीर नियंत्रण में भी मुख्य भूमिका निभाती है

अग्नाशय की संरचना

जा हमारे शरीर में उदर गुहा में आमाशय के ठीक पीछे पाया जाता है जिसका आकार 15 से 20 सेंटीमीटर होता है साथ ही गुलाबी रंग का यह चपटा आकार का ग्रंथि होता है अग्नाशय की उत्पत्ति भ्रूणीय endoderm से होती है

अग्नाशय का अधिकतम भाग पाचक रस स्त्रावित करने वाली बाह्य स्त्रावी खोखले कोशिकाओं से बना होता है जो एक प्रकार का संयोजी ऊतक भी होता है

अग्नाशय की कोशिका में langerhans की द्वीप पाए जाते हैं इसमें 10 से 20 लाख ऐसे कोशिकाएं होती हैं जिनका खोज  pal langerhans ने 1869 में किया

इसमें langerhans कोशिकाओं में बहुत ज्यादा मात्रा में कोशिकाएं तथा लाल रक्त कणिकाएं पाई जाती है

langerhans की कोशिकाओं में चार प्रकार के मुख्य कोशिका प्रमुख होती है जिन्हें बिटा कोशिका, अल्फा कोशिका,गामा कोशिका तथा PP या F कोशिकाएं कहा जाता है, इन कोशिकाओं से बहुत सारे हार्मोन स्रावित होते हैं

अग्नाशय का चित्र

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अग्नाशय से स्रावित होने वाले हार्मोन

1 इंसुलिन हार्मोन

इंसुलिन हार्मोन हमारे शरीर में बहुत महत्वपूर्ण काम करता है इसका काम होता है रक्त में स्थित ग्लूकोज की मात्रा को नियंत्रण रखना इंसुलिन हमारे शरीर पर बीटा कोशिकाओं से स्रावित होती है जोकि लैंगर हंस के द्वीप में पायी जाती है

जब ब्लड में ग्लूकोज की मात्रा अधिक हो जाती है तब यह ग्लूकोज को ग्लाइकोजन में बदलती है

इंसुलिन से संबंधित शरीर में दो प्रकार की रोग होती है आइए इनके बारे में जानते हैं

  • हाइपरग्लाइसीमिया 
  • हाइपोरग्लाइसीमिया

हाइपरग्लाइसीमिया

जब शरीर में इंसुलिन की मात्रा कम पाई जाती है या बीटा कोशिकाओं द्वारा इंसुलिन की कम मात्रा स्ट्रावित की जाती है तब इसके कारण गुलकोज का ग्लाइकोजन के रूप में परिवर्तन पूरी तरह नहीं हो पाता जिसकी वजह से ब्लड में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ जाती है इस बढ़ी हुई मात्रक को ही हाइपरग्लाइसीमिया कहा जाता है

इसका दूसरा कारण होता है कि यकृत में ग्लूकोज के संश्लेषण का प्रमुख कार्य होता है जिसे ग्लाइकोजेनेसिस कहा जाता है इसके द्वारा ग्लूकोज को रक्त में बढ़ने से रोका जाता है यह कार्य दो स्तर पर होता है एक यकृत की स्तर पर और दूसरा पेशियों की स्तर पर तब देखा जाए तो हाइपरग्लाइसीमिया होने की तीन कारण होते हैं इन तीनों के कारण ही रक्त में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ जाती है जिसे सामान्य भाषा में मधुमेह कहा जाता है

हाइपोरग्लाइसीमिया

 यह भी इंसुलिन से संबंधित एक गड़बड़ी है जब शरीर में इंसुलिन की मात्रा बहुत ज्यादा स्ट्रावित होती है तब शरीर में ग्लूकोस का ग्लाइकोजन के रूप में संश्लेषण अधिक हो जाता है जिसकी वजह से शरीर को ग्लूकोज की चाहे गई मात्रा से कम गुलकोज प्राप्त होता है इस स्थिति में शरीर को कार्य करने के लिए ग्लूकोस से ऊर्जा बनाने में रुकावट आती है इंसुलिन की रक्त में बड़ी हुई यह मात्रा हाइपोरग्लाइसीमिया  कहलाता है

अतिरिक्त लीवर में ग्लाइकोजेनेसिस कि दर बिगड़ जाती है जिसकी वजह से भी हाइपोरग्लाइसीमिया होता है

2  glucagon

यह शरीर में इंसुलिन के विपरीत काम करती है इसके द्वारा रक्त में ग्लूकोज की मात्रा सामान्य स्तर पर बनाए रखने की कोशिश की जाती है इसके लिए यह शरीर में स्थित ग्लाइकोजन को ग्लूकोज में बदलने का कोशिश करती रहती है जिसे रक्त में ग्लूकोज की सामान्य मात्रा हमेशा रहती है

यह hormones लीवर में  ग्लाइकोजेनेसिस क्रिया पर नियंत्रण रखता है जिसकी वजह से शरीर पर पर्याप्त मात्रा में ग्लूकोज की उपस्थिति पायी जाती है

3 SOMATOSTANIN

यह हारमोंस ग्रहण की डेल्टा कोशिकाओं से स्तर्वित होता है,इस हारमोंस के द्वारा भोजन के स्वांगीकरण की प्रक्रिया अवधि को बढ़ाया जाता है जिसके कारण भोजन की पाचन के बाद अवशोषित पोषक पदार्थ का अवशोषण लंबे वक्त तक होता है

अग्नाशय का कार्य क्या है?

अग्नाशय पाचन तंत्र का महत्वपूर्ण भाग है जो खाद्य पदार्थों को पचाने और उनमें उपस्थित पोषक तत्वों अवसोसित कर ,पोषक तत्वों को शरीर में उपलब्ध करवाने में मदद करता है। अग्नाशय के अंदर जठर रस जैसे तत्व होते हैं जो भोजन को पचाने में मदद करते हैं।

अग्नाशय की मुख्य क्रियाएं निम्नलिखित होती हैं:

  1. भोजन को जठराग्नि के लिए तैयार करना: अग्नाशय में हाइड्रोक्लोरिक एसिड के साथ मिश्रित पानी द्वारा खाने की वस्तुओं को छोटे छोटे टुकड़ों में टुकड़ों में टोड़ा जाता है जिससे उन्हें जठराग्नि में आसानी से मिलाया जा सके।
  2. पाचन तंत्र के लिए एंजाइमों को उत्पन्न करना: अग्नाशय में उत्पन्न होने वाले एंजाइम खाद्य पदार्थों को आसानी से पचाने में मदद करते हैं। अग्नाशय में पेपटिन्स ,लाइपेज ,एमाइलेज , लैकटोज़,एंजाइम पाया जाता है
  3. खाद्य पदार्थों को बैक्टीरिया से दूर रखना: अग्नाशय में हाइड्रोक्लोरिक एसिड विभिन्न जीवाणुओं और बैक्टीरिया को नष्ट करता है

Conclusion –

हमारे शरीर में एक ऐसी ग्रंथि है जिसकी जिसके द्वारा एंडोक्राइन एंड एग्जॉक्रिन प्रकार का हार्मोन स्रावित होता है जिसकी सहायता से शरीर में पाचन का नियंत्रण और इंसुलिन का नियंत्रण करने जैसे कार्य अग्नाशय द्वारा किया जाता है उम्मीद है हमारी यह जानकारी की अग्नाशय क्या है आपको पसंद  आयी होंगी 

FAQ – अग्नाशय क्या है

  1. Qअग्न्याशय कौन सा हार्मोन स्रावित करता है?

    अग्न्याशय -इन्सुलिन ,ग्लुकागोन और SOMATOSTANIN हार्मोन स्रावित करता है?

  2. Qअग्नाशय रस किसका पाचन करता है?

    अग्नाशय रस- वसा ,प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट का भी पाचन करता है जो शरीर के लिए अत्यंत आवश्यक होते हैं।

  3. Qअग्न्याशय कहाँ पाया जाता है

    यह शरीर में STOMACH के बाद तथा मध्य लिवर और स्पीन के बीच में यह लोकेटेड होता है।

  4. Qअग्नाशय का कार्य क्या है?

    भोजन को पचाने के लिए अग्नाशयी रश का स्त्रवण करना और एंजाइम उत्पन्न करना


  5. Qअग्नाशय में कौन सा एंजाइम पाया जाता है?

    अग्नाशय में पेपटिन्स ,लाइपेज ,एमाइलेज , लैकटेज़,एंजाइम पाया जाता है

  6. Qअग्न्याशय कैसा दिखता है?

    एक स्वस्थ व्यक्ति में अग्न्याशय उंगली के बराबर लंबा और चौड़ा होता है।

  7. Qअग्नाशय का वजन कितना होता है?

    एक स्वस्थ व्यक्ति में अग्नाशय का वजन लगभग 50-100 ग्राम का होता है

  8. Qअग्नाशय में कितने एंजाइम होते हैं?

    पेपटिन्स – प्रोटीन को अमीनो एसिड में तोड़ते हैं
    लाइपेज – वसा को तोड़ते हैं
    एमाइलेज – कार्बोहाइड्रेट को तोड़ते हैं
    लैकटेज़ – लैक्टोज़ को तोड़ते हैं

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