मृदा क्या है-हमारी पृथ्वी का सबसे बाहरी आवरण जिस पर हम चलते हैं जिस पर कोई कार्य की जाती है उसे हम मृदा कहते हैं किंतु सामान्य तौर पर मृदा की परिभाषा अलग होती है आइए जानते हैं की मृदा क्या है और मृदा के भौतिक गुण किस प्रकार है
मृदा क्या है- soil की परिभाषा
पृथ्वी में भूपर्पटी का सबसे बाहरी भाग जो जो खनिजों के टूटने फूटने और कार्बनिक पदार्थों के मिलने से बनते हैं मृदा कहलाती हैं,मृदा हमेशा गतिशील होती है तथा इसमें थ्री डायमेंशन होती है जो length, width और depth के रूप में होता है
soil
s- stratum
o- of
i- infinite
l- life
मृदा के संबंध में दो प्रकार की अवधारणा दी गई है
Pedology
- इसके अनुसार मृदा एक प्राकृतिक पिण्ड है जो जैव रासायनिक क्रियाओं से मिलकर बना होता है मृदा एक ग्रीक शब्द pedon से मिलकर बना है जिसका अर्थ पृथ्वी होता है
- Pedology में मृदा की उत्पत्ति निर्माण और वर्गीकरण संबंधी विस्तृत जानकारी अध्ययन किया जाता है
- एक Pedologist द्वारा मृदा का अध्ययन किया जाता है जिसमें जांच कर मृदा का वर्गीकरण किया जाता है
Edaphology
मृदा का अध्ययन पेड़ पौधों और फसलों के उत्पादन की दृष्टिकोण से किया जाता है ताकि मृदा के गुणों का अध्ययन कर उसके अनुसार से कृषि कार्य कर फसल और फसल पद्धति अपनाया जाए जिससे कि कृषकों को फायदा हो
Organic soil
जिस मिट्टी में clay की मात्रा भार के अनुसार बहुत कम और जिसमें पूरी तरह से ऑर्गेनिक पदार्थ पाए जाते हैं उसे ऑर्गेनिक मिट्टी कहा जाता है
Mineral soil
ऐसी मृदा में कार्बनिक पदार्थों की मात्रा 20%से कम होती है लेकिन इसमें कार्बनिक सतह की मोटाई 30 सेंटीमीटर तक हो सकती है
और इस प्रकार की मृदा के गुण खनिज पदार्थों के द्वारा निर्धारित की जाती है
horizons क्या है
मृदा जब ऊपर से नीचे की ओर खुदाई कर देखी जाती है तो अब इसमें कई प्रकार की स्तर दिखाई देते जिन्हें horizons के रूप में बांटा गया है
जिन्हें हम क्रमशः O horizons, A horizons, B horizons , C horizons के रूप में जाना जाता है
O horizons-
यह खनिज मृदा का सबसे ऊपरी संरचना है जो हमेशा जंगलों में पाए जाते हैं इस कारण O horizons को वर्जिन soil कहा जाता है
A horizons-
यह भी मृदा का सबसे ऊपरी संरचना है जो सामान्य उस जगह पर पाया जाता है इसमें हमेशा कार्बनिक पदार्थ और humas मिला होता है जिसके कारण यह मृदा काली दिखाई देती है
B horizons –
मिट्टी की इस स्तर में A होराइजन द्वारा लीचिंग किए हुए मृदा पदार्थ संचित होते हैं
इसमें फेरस और एलुमिनियम पदार्थ पाए जाते हैं
C horizons –
यह मृदा का मूल पदार्थ होता है जिसमें मिट्टी का निर्माण होता है इस horizons पर मिट्टी के अनेक सारे पदार्थ पाए जाते हैं जिनमें कैल्शियम और मैग्नीशियम का कण होता है जिसके कारण इसमें हाई बल्क डेंसिटी पाया जाता है
मृदा के भौतिक गुण
मृदा मे बहुत सारे भौतिक कारक मृदा को प्रभावित करते हैं जिसके आधार पर मृदा का अध्ययन हम निम्न बिंदुओं पर कर सकते
सॉइल टेक्सचर
मृदा के संगठन में बहुत सारे मृदा में उपस्थित संरचना वाले पदार्थ शामिल होते हैं जिनकी प्रकृति और गुण के अनुसार से इन्हें विभिन्न भागों में बांटा गया है इस आधार पर मृदा में बालू silt और clay को मृदा कण वर्ग कहा जाता है
इसके अतिरिक्त इनमें stone, gravel, fine earth, coarse sand, fine sand भी पाये जाते हैं
मृदा में कण का अनुपात अलग-अलग होता है और समय के अनुसार से ये अपना -अपना स्थान बदलते रहते हैं और इनका आकार ऐसा होता है कि कृषि कार्य करने के बावजूद भी इनका आकार जल्दी नहीं बदलता
इसलिए soil टेक्सचर को मृदा का मुख्य गुण कहा जाता है, यह देखा गया है कि मृदा में जिस भी कण की अधिकता होती है उसी आधार पर ही उस मृदा का निर्माण होता है
बालू (sand )
इसका आकार 2.2 मिली मीटर आस पास होता है जिसमें क्वार्टरज खनिज के अधिकता होती है
Clay
इसकी विशेषताएं निम्न हैं
- आकार 0.002 मिली मीटर आस पास होता है,
- इसकी मुख्य विशेषता होती है की यह भीगने पर बहुत अधिक चिपचिपा हो जाता है,
- इसीमें फैलने और सिकुड़ने के गुण के कारण इसमें प्लास्टिसिटी जैसे गुण पाए जाते हैं क्योंकि इसका आकार छोटा होता हैं इसलिए इसका सरफेस एरिया अधिकतम होता है
- Clay का नेचर हल्का एसिडिक होता है जिसकी वजह से इसे छार से उदासीन किया जाता है इस कारण विभिन्न प्रकार के पोषक तत्वों के लिए यह भंडार घर के समान काम करता है
Silt
किसका आकार 0.2 मिली मीटर आस पास होता है और इसके कण का आकार गोलाकार या घनाकार होता है
मृदा संरचना
मृदा का प्राथमिक कण बालू silt और clay होता है यह तीनों आपस में चिपक कर ही मृदा संरचना बनाते हैं
इसके आधार पर इन्हें single grain और massive के रूप में बांटा गया है
1 single grain
इस प्रकार की मृदा संरचना वाले कण में मृदा कण को आसानी से पहचानी जा सकते हैं, जिसका कारण होता है कि सभी कण एक दूसरे से बहुत अलग होते हैं अर्थात चिपके हुए नहीं होते हैं
इसी कारण प्रत्येक कण का अपना अस्तित्व होता है, इसके अतिरिक्त इस कण का मुख्य विशेषता है कि इसमें जल और वायु का प्रवाह अधिकतम होता है
2 massive
कइस प्रकार की संरचना में प्रत्येक कण आपस में एक दूसरे से अच्छी तरह से चिपकी हुई होते हैं, जिसके कारण कणो के बीच में gap दिखाई नहीं देता इस कारण ऐसे मृदा मे हवा और जल का प्रवेश नहीं हो पाता जिसकी वजह से जल धारण क्षमता कम हो जाता है इस प्रकार की मिट्टी फसल उत्पादन के लिए उपयुक्त होती है इसलिए इस प्रकार की मिट्टी में मृदा कणों को बदलने के लिए जुताई गुड़ाई जैसे कार्य किए जाते हैं जिससे मृदा संरचना बदलती है
मृदा संरचना की आकृति
इसमें निम्न आकृति पाई जाती है
- Plate की समान आकृति
- Prism की समान आकृति
- Block की समान आकृति
- Spheroidal की समान आकृति
Plate की समान आकृति
प्रकार की मृदा संरक्षण संरचना में मृदा की आकृति पेट के समान होती है यह प्राकृतिक दशा में चटकते और टूटते हैं, इस प्रकार की मृदा संरचना B -HORIZON में पाया जाता है
Prism की समान आकृति
इस प्रकार की संरचना वाली मृदा शुष्क और अर्द्ध शुष्क क्षेत्र में पाया जाता है,
इस प्रकार की संरचना का आकार 15 सेंटीमीटर होता है और इसमें मृदा ऊपर से नीचे टूटती रहती है
Block की समान आकृति
इस प्रकार की संरचना में मृदा का आकार सडाकार घन की आकार की होती है,
यह प्रायः अधिक आद्रता वाली और B -HORIZON के ऊपरी भाग में पाया जाता है
Spheroidal की समान आकृति
इस प्रकार की मृदा संरचना वाले कण गोलाकार या कणीकामय में होते हैं
ऐसी संरचना A-HORIZON में मिलती है
इस प्रकार की संरचना पौधों की विकास के लिए सर्वोत्तम होते हैं
conclusion -मृदा क्या है
दोस्तों इस पोस्ट पर हमने आपको विस्तार से बताने की कोशिश की है कि मृदा क्या है जिसमें आपने जाना कि मृदा का अध्ययन दो प्रकार से किया जा सकता है pedology और Edaphology जिसके आधार पर हम जान पाते हैं कि
pedology में उसके आकार संरचना रचना और उत्पत्ति के कारणों का अध्ययन किया जाता है वही Edaphology में मृदा का अध्ययन पेड़ पौधों की उत्पत्ति और उत्पादन से संबंधित तरीकों के लिए किया जाता है
इसके पश्चात हमने मृदा के गुण और उसके संरचना के बारे में आपको बताया जिसमें आपने जाना कि horoizon क्या है इस प्रकार हमारा पोस्ट आपको मृदा क्या है कि बारे में विस्तार से जानकारी प्रस्तुत करती है
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