एड्स क्या है | एड्स रोग कैसे फैलता है

एड्स क्या है

HIV से होने वाला एक घातक रोग है जिससे शरीर के अंदर की इम्यूनिटी सिस्टम कमजोर हो जाती है जिससे शरीर में कई प्रकार के खतरनाक रोग हो जाते हैं इसके बाद इंसान के बचने के चांस कम होते हैं और जब सरीर की इम्युनिटी एक निश्चित लेवल से बहुत कम हो जाता है तब इसे एड्स होना कहा जाता है

एड्स का फुल फॉर्म क्या है

एड्स का फुल फॉर्म एक्वायर्ड इम्यूनोडिफिशिएंसी  सिंड्रोम (  acquired immune difiancy syndrome  ) है

सर्वप्रथम एड्स की खोज कब हुई

सबसे पहले अमेरिका में सन 1981 में एड्स का पता चलाइसके बाद भारत में भी 1985 में इसके बारे में ज्ञात हुआ 

एड्स कैसे होता है

ह्यूमन के अंदर जब cd4 सेल्स की मात्रा एक निश्चित लेवल से बहुत कम हो जाता है तब इंसान को एड्स हो जाता है,cd4 सेल्स को टी लिंफोसाइट सेल  कहा जाता है

एचआईवी वायरस डायरेक्ट टी लिंफोसाइट पर अटैक करें cd 4 सेल्स को कमजोर करने लगता है, इंसान में टी लिंफोसाइट सेल्स शरीर के अंदर यूनिटी को मजबूत करने के लिए जिम्मेदार होते हैं

 जब t-lymphocytes सेल कमजोर पड़ जाती है तब शरीर भी कमजोर हो जाती है जिसके कारण शरीर में कोई भी रोग जल्दी से हो जाता है इस अवस्था को एड्स होना कहा जाता है

Hiv & एड्स कैसे फैलता है 

  • अधिक लोगों से सेक्सुअल कॉन्टैक्ट्स बनाने से 
  • इन्फेक्टेड इंजेक्शन का उपयोग करने से 
  • इनफेक्टेड ब्लड को दूसरे में चढ़ाने से
  • प्रेगनेंसी में माता से बच्चे को
  • स्तनपान के द्वारा बच्चे को
  • अंग प्रत्यारोपण द्वारा

एड्स निम्‍न तरीकों से नहीं फैलता है

  • एच.आई.वी. संक्रमित व्‍यक्ति से हाथ मिलाने से 
  •  एच.आई.वी. संक्रमित व्‍यक्ति के साथ भोजन करने से 
  • एच.आई.वी. संक्रमित व्‍यक्ति के साथ में घूमने से  
  • एच.आई.वी. संक्रमित व्‍यक्ति के साथ एक ही बर्तन से पानी पीने से , 
  •  एक ही बिस्‍तर और कपडो के प्रयोग से ,  
  • एच.आई.वी. संक्रमित व्‍यक्ति के साथ एक ही घर अथवा  कमरे में रहने पर ,  
  •  एक ही शौचालय का उपयोग करने पर ,
  •   मच्‍छरों और खटमलों के काटने से

एड्स रोग के लक्षण

जब शरीर में टी लिंफोसाइट सेल्स एक निश्चित लेवल से कम होता है तब उसे ऐड्स कहा जाता है, इस अवस्था में इंसान को कोई भी गंभीर रोग हो सकता है इसलिए कहा नहीं जा सकता कि एड्स का कोई स्पेशल लक्षण होगा जब कोई बीमारी जल्दी ठीक नहीं हो रही हो तब एचआईवी टेस्ट करवा लेना चाहिए

फिर भी इसके निम्न लक्छण हो सकते है

  • बुखार- जब दो तीन सप्ताह से ज्यादा वक्त तक हो तब
  • ग्रंथियों में सूजन- गले और बगलो के नोड्स में सूजन हो
  • गले में खराश- काफी लम्बे वक्त से गला ख़राब होना
  • रात में सोते वक्त अधिक पसीना आना
  • मांसपेशी में दर्द- सरीर के मांसपेशी में दर्द होना
  • सर दर्द- ब्रेन में इन्फेक्शन की वजह से सर दर्द रहेगा
  • अत्यधिक थकान- कमजोरी की वजह से थकान होगा
  • चकत्ते- शरीर में चकते होंगे जो हलके गुलाबी या लाल होंगे

एड्स का उपचार

एड्स का कोई इलाज नहीं है किंतु एंटी रेट्रो थेरेपी द्वारा इसे कंट्रोल किया जा सकता है किंतु यह तभी  तभी पॉसिबल है जब इंसान एचआईवी पॉजिटिव हो किंतु उसे एड्स ना हो

एड्स नियंत्रण के तरीके

  • एड्स के बारे में लोगों को जागरूक करें इससे पहले से रोका जा सकता है
  • यौन संबंध के बारे में सही जानकारी देकर
  • सिंगल  यूज़ इंजेक्शन का उपयोग करना चाहिए
  • ब्लड डोनेट करने वाले का पहले एचआईवी टेस्ट करना चाहिए
  • अंग प्रत्यारोपण के लिए डोनर का एचआईवी टेस्ट कराना अनिवार्य होना चाहिए

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Faq एड्स क्या है

  1. Q एड्स किससे होता है

    A hiv वायरस से एड्स होता है

  2. Q  क्या एड्स का इलाज संभव है

    A एड्स का कोई इलाज नही है

  3. Q  क्या hiv से एड्स होता है

    A हा hiv वायरस से एड्स होता है

  4. Q  क्या hiv से बचा जा सकता है

    A एंटी रेट्रो थेरेपी से hiv को इंसान के अंदर कण्ट्रोल किया जा सकता है

  5. Q एंटी रेट्रो थेरेपी क्या है

    A HIV पॉजिटिव व्यक्ति के इलाज के लिए एंटी रेट्रो दवाई दी जाती है इसे एंटी रेट्रो थेरेपी कहा जाता है 

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