खेती की परिभाषा क्या है , खेती संबंधी कुछ परिभाषाएं
खेती की परिभाषा क्या है
खेती एक कृषि व्यस्था है जिसमें फसलों को बुवाई और उनकी देखभाल करके उन्हें फलने-फूलने दिया जाता है। खेती के द्वारा जीविका पार्जन और व्यवसाय किया जाता है, जो भूमि, वर्षा और मौसम के साथ-साथ प्रकृति के अन्य तत्वों से भी प्रभावित होता है।
खेती में फसलों को बुवाई, फसल की देखभाल उनकी कटाई और अंत में संग्रह करना जैसे कार्य शामिल होता है। फसलों को बुवाई के बाद खाद, पानी और अन्य तत्वों की आवश्यकता होती है, जो फसलों के उत्पादन में मदद करते हैं।
खेती की अर्थव्यवस्था में भूमि, जल, वातावरण और बाकी तत्वों के संतुलित उपयोग के माध्यम से खेती में उत्पादन की वृद्धि होती है। खेती एक विपुल और महत्वपूर्ण व्यवसाय है जो दुनिया भर में खाद्य और अन्य उपयोगों के लिए उत्पादन करता है।
खेती संबंधी कुछ परिभाषाएं
भारत जैसे एक विशालकाय देश में सभी जगह मौसम और जलवायु एक समान नहीं होती जिसकी वजह से भौगोलिक आधार पर यूपी के कई प्रकार पाए जाते हैं जिसमें मौसम और जलवायु का डायरेक्ट प्रभाव पड़ता है इस आधार पर खेती करने संबंधी बहुत सारे प्रकार होते हैं आज हम इस पोस्ट पर भारत में किए जाने वाले खेती के प्रकार की बारे में कुछ जानकारी देंगे
खेती की कुछ परिभाषा
शुष्क खेती क्या है
ऐसी खेती अधिकांश रेगिस्तानी जगहों पर होती है जहां पर पानी बहुत कम देता है इस प्रकार देखा जाए तो जहां पर 50 सेंटीमीटर से कम वर्षा होता है ऐसे जगह जगहों पर किए जाने वाले खेती शुष्क खेती कहलाता है
दियारा खेती क्या है
ऐसी खेती जो नदी के आसपास के स्थानों पर जलमग्न वाली अवस्था के बाद जल के निकल जाने के बाद की जाती है दियारी खेती कहलाती है
समोच्च खेती किसे कहते हैं
यह अधिकांश उन जगहों पर किया जाता है जो पहाड़ी क्षेत्र होते हैं और ढलान युक्त होते हैं ऐसे जगहों पर छोटे-छोटे उभार वाले रचना बनाये जाते हैं जो आड़े और लम्बे दुरी तक फैले या गोल संरचना बनाते हैं तब इन्हीं पर खेती किया जाता है तब ऐसी खेती को समोच खेती कहा जाता है
आपतित खेती क्या है
जब खेती ऐसे असामान्य परिस्थितियों में किया जाता है जहां पर खेती की संभावना ना हो जैसे जैसे बाहर के बाद की जाने वाली खेती सूखे में की जाने वाली खेती पशुओं के चारे के लिए की जाने वाली खेती आपतित खेती कहलाती है
जीवांश खेती
खेती का भाव प्रकार जिसमें खेती का वह प्रकार जिसमें किसी भी प्रकार के रसायनिक खाद उर्वरक कीटनाशक आदि प्रकार के रासायनिक तत्वों का उपयोग खेती में बिल्कुल भी नहीं किया जाता बल्कि इसकी जगह प्रकृति में ही उपलब्ध विशेष प्रकार के गुड़ वाले पदार्थों का उपयोग किया जाता है इसका उद्देश्य होता है कि रासायनिक पदार्थों का बिना उपयोग कर अच्छी पैदावार और लाभ लिया जा सके
इस प्रकार की खेती में फार्म यार्ड बैनर वर्मी कंपोस्ट हरी खाद और प्राकृतिक कीटनाशक तत्वों का उपयोग किया जाता है
ले फार्मिंग
खेती कि इस पद्धति में 2 साल की फसल अवधि में खेती भूमि पर चारगाह स्थापित किया जाता है और उससे संबंधित लाभ प्राप्त किए जाते हैं
अवरोध परत खेती ( mulch farming)
खेती की पद्धति जिसमें खेतों पर जीव जंतुओं की अंश को भूमि की सतह पर ही छोड़ कर रख दिया जाता है जिसकी वजह से धीरे-धीरे जीवांश मिट्टी पर मिलती जाती है इसका मुख्य उद्देश्य होता है मिट्टी की उर्वरा शक्ति को बढ़ाना और मिट्टी की वसापिकारण को कम करना है
निर्वाहक खेती ( subsistence farming )
खेती कि इस प्रकार में खेती का मुख्य उद्देश होता है की लोगों की जीवन यापन किया जा सके