उत्क्रमणीय और अनुत्क्रमणीय अभिक्रिया किसे कहते है

उत्क्रमणीय और अनुत्क्रमणीय अभिक्रिया किसे कहते है

रासायनिक अभिक्रिया के दौरान अभिकारक  और क्रिया फल के बंद टूटे और बनते हैं इसी के आधार पर बर्थलोट नामक वैज्ञानिक ने उत्क्रमणीय और अनुक्रम अभिक्रिया मैं अभिक्रिया को बाटा है

उत्क्रमणीय अभिक्रिया

रासायनिक अभिक्रियाएं जो एक ही दिशा में क्रियान्वित होती है और पूर्णता को प्राप्त करती है ऐसी अभिक्रिया को उत्क्रमणीय अभिक्रिया कहते हैं

इसको आप लोग ऐसे  समझ सकते हैं अभिकारक जब क्रिया फल में परिवर्तित होते हैं तब इसके पश्चात क्रिया फल दोबारा अभिकारक में परिवर्तित नहीं होते हैं

  • इस प्रकार की अभिक्रिया को एक तीर के निशान के द्वारा प्रदर्शित करते हैं
  •  यह अभिक्रियाएं पूर्णता को प्राप्त करती है
  •  इन अभिक्रिया में रासायनिक साम्य स्थापित नहीं होता
  •  ये अभिक्रियाए विषमांगी होती है

उदाहरण- जब आप कैल्शियम कार्बोनेट को गर्म करोगे तब क्रिया फल कैल्शियम ऑक्साइड और कार्बन डाइऑक्साइड प्राप्त होता है किंतु कैल्शियम ऑक्साइड और कार्बन डाइऑक्साइड को क्रिया करने पर कैल्शियम कार्बोनेट कभी प्राप्त नहीं होता यही अनुत्क्रमणीय अभिक्रिया है

अनुत्क्रमणीय अभिक्रिया

 वे  राशयनिक  अभिक्रिया है जो अग्र और पश्चि दोनों दिशा  में होती है उत्क्रमणीय में अभिक्रिया कहलाती है इसको आप लोग ऐसे भी समझ सकते हैं जब कोई रासायनिक अभिक्रिया में कोई अभिकारक भाग लेता है तब क्रिया के फलस्वरुप क्रिया फल में परिवर्तन होता है और यही क्रिया फल दोबारा क्रिया करके अभिकारक में परिवर्तित हो जाता है

उत्क्रमणीय प्रक्रियाओं को 2 तीर के द्वारा प्रस्तुत किया जाता है जो एक दूसरे दूसरे की विपरीत दिशा में होते हैं

  • दोनों दिशा में होने की वजह से यह अभिक्रियाएं बंद होती है
  • कभी पूर्णता को प्राप्त नहीं करती है
  •  इन अभिक्रिया में रासायनिक साम्य स्थापित होता है
  • इन अभिक्रियाओं की प्रकृति समांगी और विसमांगी दोनों होती है

उदाहरण -जब फास्फोरस पेंटाक्लोराइड को गर्म किया जाता है तो तब फास्फोरस ट्राइक्लोराइड और क्लोरीन गैस बनता है और यह फिर दोनों अभिक्रिया करके वापस फास्फोरस पेंटा क्लोराइड बनाते हैं इस प्रकार यह अग्र और पश्चि दिसा में हो रहा है इसलिए इसे अनुत्क्रमणीय अभिक्रिया कहा गया है

उत्क्रमणीय अभिक्रिया में साम्यावस्था

रासायनिक अभिक्रिया में जब अग्र और पश्च  दिशा की वेग बराबर हो जाते हैं तब उसे साम्यावस्था कहा जाता है

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