हाइपोथायरायडिज्म क्या है
जब गले में उपस्थित थायराइड ग्रंथि द्वारा संतुलित मात्रा में थायराइड हार्मोन हार्मोन का उत्सर्जन नहीं हो पाता है तब यह बीमारी हाइपोथायरायडिज्म कहलाता है
हाइपोथॉयराडिज्म क्यों होता है? (Causes of Hypothyroidism)
इस अवस्था में शरीर को जितना आयोडीन चाहिए उतना मिल नहीं पाता जोकि थायराइड हारमोंस के स्त्रावन के लिए जरूरी है इस अवस्था में थायराइड अपने पूर्ण अवस्था में काम नहीं कर पाता जिसके कारण बहुत कम मात्रा में थायराइड हार्मोन का प्रोडक्शन होता है
हाइपोथॉयराडिज्म के प्रकार
हाशिमोटोज थायरॉयडिटिज
बच्चों में इस प्रकार का थायराइड देखने को मिलता है जो 4 साल से लेकर 15 साल के बच्चों के बीच एक्टिव होता है इसी बीच बच्चों का विकास रुक जाता है थायराइड की वजह से से इसे हाशिमोटोज थायराइड क्या कहा जाता है
जन्मजात हाइपोथॉयराडिज्म
जब किसी बच्चे में पैदा होने के बाद से ही हाइपो थायराइड की लक्षण दिखने लगे तब उस अवस्था में उस बच्चे में कोई समस्या आ सकती है इसका कारण बच्चे में गर्भ में ही थायराइड ग्रंथि का विकास ना होना है
क्षणिक जन्मजात हाइपोथॉयराडिज्म
अगर मां में हाइपर थायराइड की बीमारी हो और वह गर्भवती भी हो तब चांस बनता है कि उसके होने वाले बच्चे में भी हाइपो थायराइड हो किंतु या उतना खतरनाक नहीं है इसके बाद बच्चे के इलाज किया जा सकता है
हाइपो थायराइड होने की वजह
थायराइड ग्रंथि का कम स्त्राव होना है ,इसकी कई वजह हो सकते हैं चलिए जानते हैं
हाशिमोटो रोग–
इस रोग में थायराइड ग्रंथि का कोई हिस्सा ढंग से काम नहीं कर पाता जिसकी वजह से थायराइड ग्रंथि का निर्माण कम हो जाता है ,यह थायरॉइड ग्रन्थि के किसी एक भाग को अनुपयोगी बना देता है।
थायरॉडिटिस
थायराइड ग्रंथि द्वारा शुरुआती अवस्था में अपना आकार बड़ा कर थायराइड हार्मोन का स्त्राव करने का कोशिश करता है जिसकी वजह से गले का आकार बढ़ जाता है किंतु बाद में थायराइड हारमोंस का स्त्रावा और कम हो जाता है
हाइपोथॉयराडिज्म के लक्छण
- वजन का बढ़ना-हाइपो थायराइड में व्यक्ति का वजन बढ़ने लगता है जो बैड कोलेस्ट्रॉल की वजह से होता है
- चेहरे पर सूजन-थायराइड की वजह से चेहरे में एडिमा जैसे सूजन आ जाता है
- आवाज का बैठ जाना गले में थायराइड ग्रंथि का आकार बढ़ने की वजह से आवाज में परिवर्तन आ जाता है
- जोड़ों में अकड़न और सूजन के साथ दर्द (और पढ़ें जोड़ों में दर्द के घरेलू उपाय)
- असामान्य और अनियमित रूप से मासिक धर्म
- इसमें भी हाइपर थायराइड जैसे लक्षण होते हैं खास तौर पर महिलाओं में जिससे कि मासिक धर्म की अनियमितता प्रारंभ हो जाती है
- दिल की गति धीमी होना-हाइपो थायराइड में हृदय की गति धीमी हो जाती है जबकि वही हाइपर थायराइड में हृदय की गति बढ़ जाती है
हाइपोथॉयराडिज्म से कैसे बचे-
- हाइपो थायराइड से ग्रसित व्यक्ति में मोटापा होता है जिसकी वजह से उसका वजन भी बढ़ा होता है इसके लिए उन्हें योगा और व्यायाम करना चाहिए
- खाने में ऐसा ऑयल का उपयोग करना चाहिए कि जिससे कि कोलेस्ट्रॉल लेवल ना बढ़े इसके लिए सूरजमुखी का तेल और तिल का तेल अच्छे हैं
- आयोडीन की कमी होने की वजह से हाइपो थायराइड होता है इसके लिए आपको भोजन में आयोडीन युक्त नमक का उपयोग करना चाहिए
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