फल तथा बीज का निर्माण कैसे होता है | फल और बीज के विकास | Formation of Seeds and Fruit

फल तथा बीज का निर्माण कैसे होता है

फल और बीज के विकास के चरण

  • जब पुष्प में निषेचन की क्रिया होती है तब पराग कोष अंडाशय में चला जाता है इसके बाद वर्तिका और वर्तिकाग्र का कोई काम नहीं रहता इसलिए वह सुखकर गिर जाता है
  • इसके अतिरिक्त भी यदि पुष्प द्विलिंगी है तब इसके अन्य भाग जैसे पुंकेसर ,दलपुंज और बाहरी दलपुंज सुख कर दे दे गिरने लगता है, परंतु इसमें एक अपवाद है सोलेनेसी कुल के बाहरी दलपुंज फल बनने के बाद भी लम्बे वक्त तक लगे रहते हैं
  • निषेचन के पश्चात अंडाशय की भीतरी दीवार फल भित्ति के रूप में बदलना प्रारंभ हो जाता है
  • अंडाशय में पुंकेसर के प्रवेश की बाद बीजांड का बीज के रूप में परिवर्तन होता है
  • जब निषेचन होता है तब बीजाण्ड का बाहरी अध्यवरण और आतंरिक  अध्यवरण मिलकर बीज चोल का निर्माण करते हैं
  • जब निषेचन होता है तब भ्रूण का निर्माण होता है
  • इसके बाद कोशिका विभाजन होते हुए द्वितीयक केंद्र विकसित होकर भ्रूणकोष का निर्माण करता है, इसके द्वारा भ्रूण को पोषण दिया जाता है
  • अंत में  बीजांडकाय निषेचन के बाद पूरी तरह समाप्त हो जाती है

CONCLUSION –

इस पोस्ट पर हमने आपको फल तथा बीज का निर्माण कैसे होता है के बारे में विस्तार से बताया है, जिसमें हमने  निषेचन से लेकर लास्ट तक बीजांड और बीच के निर्माण तक की अवस्था को बताया है उम्मीद है यह पोस्ट आपको संतुष्ट करेगी

” फल तथा बीज का निर्माण ” के बारे आप कुछ पूछना चाहते हैं तो कृपया comment box में जरूर क्वेश्चन पूछे हमें आपकी प्रतिक्रिया का इंतजार रहेगा, आप हमारे वेबसाइट vigyantk.com पर यू ही आते रहे जहाँ पर हम विज्ञान , प्रोद्योगिकी, पर्यावरण औऱ कंप्यूटर जैसे विषयो पर जानकारी साझा करते है 

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