फल तथा बीज का निर्माण कैसे होता है | Formation of Seeds and Fruit

अगर आप फल तथा बीज का निर्माण कैसे होता है यह जानना चाहते है तब आप बिलकुल सही जगह आये है

आप सभी जानते हैं कि पुष्प एक मादा जनन तंत्र होता है जिसमें अंडाशय  पाया जाता है इस अंडाशय में पुंकेसर की पराग कोष के द्वारा बीजांड का निर्माण होता है इसके बाद की बहुत सारी और क्रियाएं हैं जिन्हें जानना हमारे लिए आवश्यक हैं इसके बाद ही हमें पता चल पाएगा कि फल तथा बीच निर्माण कैसे होता है आईए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं

फल तथा बीज का निर्माण कैसे होता है

  • जब पुष्प में निषेचन की क्रिया होती है तब पराग कोष अंडाशय में चला जाता है इसके बाद वर्तिका और वर्तिकाग्र का कोई काम नहीं रहता इसलिए वह सुखकर गिर जाता है
  • इसके अतिरिक्त भी यदि पुष्प द्विलिंगी है तब इसके अन्य भाग जैसे पुंकेसर ,दलपुंज और बाहरी दलपुंज सुख कर दे दे गिरने लगता है, परंतु इसमें एक अपवाद है सोलेनेसी कुल के बाहरी दलपुंज फल बनने के बाद भी लम्बे वक्त तक लगे रहते हैं
  • निषेचन के पश्चात अंडाशय की भीतरी दीवार फल भित्ति के रूप में बदलना प्रारंभ हो जाता है
  • अंडाशय में पुंकेसर के प्रवेश की बाद बीजांड का बीज के रूप में परिवर्तन होता है
  • जब निषेचन होता है तब बीजाण्ड का बाहरी अध्यवरण और आतंरिक  अध्यवरण मिलकर बीज चोल का निर्माण करते हैं
  • जब निषेचन होता है तब भ्रूण का निर्माण होता है
  • इसके बाद कोशिका विभाजन होते हुए द्वितीयक केंद्र विकसित होकर भ्रूणकोष का निर्माण करता है, इसके द्वारा भ्रूण को पोषण दिया जाता है
  • अंत में  बीजांडकाय निषेचन के बाद पूरी तरह समाप्त हो जाती है

CONCLUSION – फल तथा बीज का निर्माण कैसे होता है

इस पोस्ट पर हमने आपको फल तथा बीज का निर्माण कैसे होता है के बारे में विस्तार से बताया है, जिसमें हमने  निषेचन से लेकर लास्ट तक बीजांड और बीच के निर्माण तक की अवस्था को बताया है उम्मीद है यह पोस्ट आपको संतुष्ट करेगी

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