पाचन क्रिया क्या है | पाचन के प्रकार  | अंतः कोशिकीय पाचन और बाह्य कोशिकीय पाचन 

पाचन क्रिया क्या है

जीवो के अंदर जब भोज्य पदार्थों का उनके सरल रूप में टूटने की क्रिया पाचन कहलाती है

पाचन की परिभाषा 

पाचन एक ऐसी क्रिया है जिसके द्वारा जटिल भोज्य पदार्थ का अपघटन माइक्रो रासायनिक यौगिकों के रूप में होता है यह रासायनिक यौगिक शरीर के उपयोग और निर्माण मे आवश्यक होते हैं

  पाचन की क्रिया मनुष्य में होने वाला एक ऐसी क्रिया है जिससे इंसान को ऊर्जा मिलती है पाचन की क्रिया सिर्फ मनुष्य में नहीं होता बल्कि सभी जीवो में हो होता है जिसमें सभी प्रकार के जीव सम्मिलित होते हैं जिसमें एक माइक्रो जीव अमीबा से लेकर विशाल स्तनधारी ब्लू व्हेल में भी पाचन क्रिया होता है

पाचन क्या है

पाचन किसे कहते हैं -पाचन एक यांत्रिक और रासायनिक क्रिया जिसके द्वारा जटिल भोज्य पदार्थों का सरल भोज्य पदार्थों में परिवर्तित किया जाता है यह परिवर्तित पदार्थ आंतों के द्वारा अवशोषित होकर रक्त परिसंचरण तंत्र द्वारा शरीर के विभिन्न भागों में पहुंचाया जाता है जिससे कि शरीर में अनेक चायपचय कार्य क्रियान्वित हो  सके

  पाचन की क्रिया में भोज्य पदार्थ मुख से लिया जाता है जो मुख से होते हुए आमाशय इसके बाद छोटी आंत और अंत में बड़ी आंत तक की भोजन की यात्रा पाचन क्रिया से संबंधित है इस दौरान अनेक स्त्रावी पदार्थ भोजन में मिलते हैं जिससे कि वे अनेक सूचम कणों में विभाजित हो जाते हैं जिससे कि भोजन में उपस्थित पोषक पदार्थों का अवशोषण हो सके पाचन के आधार पर पाचन के दो प्रकार होते हैं

पाचन के प्रकार

पाचन की क्रिया के आधार पर पाचन को दो भागों में बांटा गया जिसमें पहला है अंतः कोशिकीय पाचन और

 दूसरा बाह्य कोशिकीय पाचन और इन दोनों विधियों में पाचन की क्रिया भी अलग है चलिए इनके बारे में विस्तार से जानते हैं

अंतः कोशिकीय पाचन

पाचन की प्रक्रिया छोटे सूक्ष्म जीवों में पाई जाती है जिनमें अधिकांश छोटे जीव जैसे अमीबा स्पंज  प्रोटोजोआ मैं होता है इस प्रकार की  पाचन में भोज पदार्थ का ग्रहण मुख द्वारा नहीं होता

 क्योंकि इन जीवों में मुख की संरचना होती ही नहीं है इसलिए यह अपना भोजन परिग्रहण द्वारा ग्रहण करते हैं इसके लिए  इंग्लिश में शब्द indocytisis का उपयोग किया जाता है जिसमें माइक्रो जीवो द्वारा अपने बाहरी कोशिका संरचना द्वारा भोजन को अपने अंदर खींच लिया जाता है

 खींचने के बाद यह भोजन कोशिका द्रव के अंदर उपस्थित वैक्यूअस में  वितरण किया जाता है जिसके पश्चात अंत में अनपचे भोज्य पदार्थ का कोशिकाओं द्वारा ही बाहर किया जाता है इस क्रिया को कोशिका वमन कहा जाता है इंग्लिश में इसके लिए शब्द एक्सओ साइटिस शब्द का उपयोग किया जाता है इस प्रकार की पाचन की क्रिया पूरी तरह से कोशिका में कंप्लीट होती है इसलिए इसे अंतः कोशिकीय  पाचन कहा जाता है

बाह्य कोशिकीय पाचन

बाह्य कोशिकीय पाचन सभी प्रकार के मल्टीसेल्यूलर जिओ में पाचन की प्रक्रिया है जिसके अंतर्गत मनुष्य में भोजन को मुख्य द्वार से लिया जाता है और भोज्य पदार्थ ग्रसिका आमाशय छोटी आंत बड़ी आंत द्वारा भोजन का पाचन होता है

बाह्य कोशिकीय पाचन की मुख्य विशेषता भोजन का किसी कोशिका के अंदर पाचन नहीं होना है बल्कि कोशिकाओं से निर्मित किसी प्रकार के अंग के अंदर भोज्य पदार्थ का पाचन होता है

बाह्य कोशिकीय पाचन का उदाहरण हमने मनुष्य द्वारा दिया किंतु कई जीवो में कई प्रकार के पाचक अंग का अंग का अधिकता हो सकता है या किसी पाचक अंग की कमी हो सकती है जो उस जीव के आकार पर निर्भर करती है किंतु एक चीज समान है वह है कि बाह्य पाचन में भोजन हमेशा किसी अंग के अंदर ही पाचन होगा

 भोज्य पदार्थ में अनेक प्रकार के पाचक रस और  एंजाइम भोज्य में पदार्थ मिल जाते हैं जिससे भोज्य पदार्थ अपने घटकों में विभाजित हो जाता है जिनका अवशोषण भी उन्हीं पाचन अंगों के अंदर से होगा 

इसके बाद पचित भोज्य पदार्थ का अवशोषण कर अवशोषित पदार्थ को रक्त में मिलाया जाता है जिससे कि रक्त द्वारा अवशोषित पदार्थ को पूरे शरीर में फैलाया जा सके इस प्रकार जब पाचन के बाद जो भोज्य पदार्थ अपशिष्ट  के रूप में बस जाते हैं उन्हें मलद्वार द्वारा बाहर कर दिया जाता है

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CONCLUSION -पाचन क्रिया क्या है

पाचन की क्रिया जीव में होने वाला अति आवश्यक क्रिया है जिसके द्वारा ही जीवो को अपनी शारीरिक कार्य करने की ऊर्जा मिलती है इस पोस्ट में हमने बताया है कि पाचन की क्रिया को कितने भागों में बांटा गया है 

जिसमें हमने आपको बताया कि पाचन दो प्रकार के होते हैं जिसमें पहला अंतः कोशिकीय पाचन और दूसरा बाह्य कोशिकीय पाचन होता है उम्मीद है पाचन की यह जानकारी आपको पसंद आई होगी हमने अपना एक पोस्ट में मनुष्य में पाचन तंत्र की पूर्ण व्याख्या की थी आप उस पोस्ट में जाकर मनुष्य में पाचन तंत्र की पूरी जानकारी ले सकते हैं

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