दियारा खेती क्या है-यह खेती के प्रकार हैं जो अधिकांश नदी के आसपास रहने वाले लोगों के द्वारा किया जाता है इसमें मुख्य मुद्दा जल होता है बरसात के दिनों में बाढ़ आने के कारण जल स्तर बढ़ जाता है जिसकी वजह से आसपास की कृषि योग्य भूमि जलमग्न हो जाती है
इस स्थिति में उस वक्त कृषि कार्य नहीं किया जा सकता और जल उतरने का इंतजार किया जाता है इस प्रकार की खेती को दियारा खेती कहा जाता है आइए इनके बारे में विस्तार से जानते हैं कि दियारा खेती क्या है और दियारा खेती कैसे की जाती है
दियारा खेती क्या है
इस प्रकार की खेती को नदी आसपास की भूमियों में किया जाता है जब वर्षा का जल नदी में भर जाता है जिसकी वजह से आसपास की कृषि योग्य जमीन जलमग्न हो जाता है इस अवस्था में जन्म जन्म भूमि पर कृषि कार्य नहीं हो सकता,इस कारण जल मग्न जमीन से जल उतरने के बाद की जाने वाली खेती दियारा खेती कहलाती है
दियारा खेती कैसे की जाती है
इस प्रकार की खेती में यह ध्यान रखा जाता है कि मानसून का मौसम चला गया हो और दोबारा पानी गिर कर बाढ़ आने की संभावना ना हो इसलिए इसे खरीफ की फसल कह सकते हैं क्योंकि इसमें बरसात के बाद ही खेती की जाती है वैसे देखा जाए तो खरीफ के फसल वाले मौसम में भी इसे अंत में ही लगाया जाना उचित है क्योंकि जलभराव एक गंभीर समस्या हो सकती है जलमग्न भूमि से जब जल निकल जाता है तब ही हल चलाकर खरीफ वाली फसल लगाया जा सकता है
दियारा खेती एक पारंपरिक खेती पद्धति है जो भारत के उत्तर वाले राज्य में प्रचलित है। इस पद्धति में बरसात के दौरान , खेत के चारों ओर गंगा या किसी अन्य नदी के जल से खेत भर जाता है तब बरसात का पानी उतरने के बाद कृषि की जाती है , खेती की यह तरकीब दियारा खेती कहलाती है
दियारा खेती में धान की उत्पादकता बहुत अधिक होती है इसलिए इस पद्धति को धान की खेती के लिए अधिक उपयोगी माना जाता है। इसके अलावा, दियारा खेती एक बहुत ही समृद्ध जैविक खेती पद्धति है
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