क्रायोप्रिजर्वेशन क्या है |  क्रायोप्रिजर्वेशन का उपयोग | cryopreservation in hindi

क्रायोप्रिजर्वेशन क्या है ( cryopreservation kya hai )

जब किसी जीव जंतु या पेड़ पौधे की किसी अंग या कोशिका को शून्य से भी कम ताप पर लिक्विड नाइट्रोजन मे संरक्षण किया जाता है तब इसे क्रायोप्रिजर्वेशन कहा जाता है

हाय दोस्तों आज हम फिर से हम आपके बीच एक नया टॉपिक क्रायोप्रिजर्वेशन लेकर आए हैं जिसमें हम आपको बताएंगे कि क्रायोप्रिजर्वेशन कैसा होता है और क्रायोप्रिजर्वेशन क्यों किया जाता है आइये जल्दी विस्तार से जानते हैं

क्रायोप्रिजर्वेशन क्या है (cryopreservation in hindi)

जब लिक्विड नाइट्रोजन पर जीव जंतु या पेड़ पौधों की कोशिका ( कोशिका क्या है )अंडाशय या फिर स्पर्म को preserve किया जाता है,तब इसे क्रायोप्रिजर्वेशन कहा जाता है

जिससे कि आने वाले वक्त में उसका दोबारा उपयोग किया जा सके

क्रायोप्रिजर्वेशन किस ताप पर किया जाता है

क्रायोप्रिजर्वेशन के लिए लिक्विड नाइट्रोजन का उपयोग किया जाता है जिसमें तापमान शून्य से बहुत कम माइनस 150 डिग्री तक की तापमान में रखा जाता है

क्रायोप्रिजर्वेशन कैसे किया जाता है

क्रायोप्रिजर्वेशन के लिए एक ऐसा फ्रिज जैसा मशीन बनाया जाता है जिसमें लिक्विड नाइट्रोजन को रखा जाता है और नाइट्रोजन को लिक्विड में बनाये रखने के लिए उसका मशीन द्वारा तापमान ( तापमापी के प्रकार ) भी बहुत कम रखा जाता है जिससे कि नाइट्रोजन लिक्विड फॉर्म में आकर जमने लगता है इसी अवस्था में जीवो के अंग, कोशिका, अंडाशय को संरक्षित किया जाता है

क्रायोप्रिजर्वेशन क्यों किया जाता है

हमारी दुनिया में बहुत सारी चीजें ऐसी हैं जो लगातार दुनिया से विलुप्त हो रही है इसके अलावा भी बहुत सारे ऐसे कारण हैं जहां पर हमें रेफ्रिजरेशन को उपयोग करना पड़ जाता है

क्रायोप्रिजर्वेशन में अधिकांश जीव जंतुओं के कोशिका जैसे अंडाशय और शुक्राणु को सुरक्षित रखा जाता है जिससे कि कभी अगर हमें जरूरत महसूस हो तब उस कोशिका को दोबारा उपयोग किया जा सके

 क्रायोप्रिजर्वेशन में कोशिका के सभी काम सस्पेंड कर दिए जाते हैं जिससे कि वह काफी लंबे वक्त तक सुरक्षित रह पाता है और उसको दोबारा एक्टिव कर उपयोग कर लिया जाता है

 उसी प्रकार ही पेड़ पौधों के  बीजों का उपयोग क्रायोप्रिजर्वेशन में क्या जाता है क्योंकि इसके द्वारा बीजो को अधिक वक्त तक स्टोर किया जा सकता है,नॉर्मल स्टोरेज की तुलना में है इसमें भी बीज के सभी एक्टिविटी बंद कर दिए जाते हैं जिससे कि seed( बीज प्रौद्योगिकी क्या है )निंद्रा अवस्था में चली जाती है और लंबे वक्त तक सुरक्षित होती है और जब इसका दोबारा उपयोग करना होता है तब इसको एक्टिव कर, उपयोग किया जाता है

प्रिजर्वेशन खासतौर पर उन जीव-जंतुओं और पेड़ पौधों को किया जाता है जिनका निकट भविष्य में है पापुलेशन कम हो  या दुनिया से समाप्त होने की जिनकी चांस अधिक हो और इसके अलावा जिनका वैल्यू भी हो 

जीवो में क्रायोप्रिजर्वेशन किस प्रकार लाभदायक है

प्रिजर्वेशन में जीव से प्राप्त शुक्राणु और अंडाणु को बहुत लंबे वक्त तक स्टोर किया जा सकता है यह तब भी काम करेगा जबकि डोनर ही एक्सपायर हो गया हो

तब भी इसका उपयोग किया जा सकता है आमतौर पर आजकल बहुत सारे स्पीशीज जैसे शेर है तेंदुआ ,काला हिरण ,राइनो जैसे अनेक प्रजातियां हैं जो जिनकी जनसंख्या कम होती जा रही है ऐसे जीवो के अंडाशय और शुक्राणु को रेफ्रिजरेशन द्वारा सुरक्षित रखा जा सकता है

मनुष्यों में क्रायोप्रिजर्वेशन किस प्रकार लाभदायक है

आजकल इसका उपयोग बहुत ज्यादा किया जा रहा है इसमें मैक्सिमम ही मेल और फीमेल द्वारा अपने शुक्राणु और अंडाणु को  sperm बैंक में सुरक्षित रखा जाता है जिससे कि निकट भविष्य में अगर किसी प्रकार की समस्या हो तब उस रिजर्व स्पर्म और अंडाशय का उपयोग कर cross है किया जा सके

इसका बहुत बड़ा फायदा भी है क्योंकि हमारा तो जिंदगी है वहां स्टेबल नहीं है कल के दिन हमारा हेल्थ कैसा होगा और हम अपने फ्यूचर में अपनी संतान कैसे पैदा कर पाएंगे यह सोचने वाली बात है

अगर आप मेल फीमेल हैं और फ्यूचर में आपकी sperm / egg बनना बंद हो गया तब आप sperm / egg preserve करवाकर parents से बाप बन सकते हैं, बहुत ही अमेजिंग बात क्योंकि इसमें रखा गयाsperm / egg को बहुत लंबे वक्त बाद भी उपयोग किया जा सकता है

CONCLUSION – क्रायोप्रिजर्वेशन क्या है

तो दोस्तों आज हमने बात किया कि क्रायोप्रिजर्वेशन क्या है और यह किस प्रकार हमें अपने फ्यूचर में इन इसका उपयोग कर दोबारा अपने जैसे जीव जंतु बना सकते हैं

आपको लग रहा होगा कि यह प्रक्रिया क्लोनिंग( क्लोनिंग क्या है ) है लेकिन मैं बताना चाहूंगा यह प्रक्रिया क्लोनिंग ( क्लोनिंग कैसे होता है )नहीं है क्योंकि प्लानिंग में सिर्फ कोशिका से ही पूरा जीव जीव जंतु बनाया जाता है किंतु क्रायोप्रिजर्वेशन से आप थोड़ा सा प्राकृतिक तरीके से जीव जंतु या मानव को दोबारा पैदा कर सकते हैं

 किंतु इसके लिए आपको अंडाशय और शुक्राणु की जरूरत होगी जो कि हमें क्रायोप्रिजर्वेशन से प्राप्त होगा इसको बस आपको एक्टिव कर निषेचन करवा कर फीमेल के गर्भ में रखना होगा जिसके बाद नॉर्मल प्रेगनेंसी जैसे हालात बनते हैं जिसमें से गर्भधारण स्टार्ट होना प्रारंभिक है और इसके बाद ही गर्भावस्था पूर्ण होने पर  प्राप्ति हो सकती है

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