संघ ऐनेलिडा ( Annelid )
संघ ऐनेलिडा विज्ञान के छात्रों को पढ़ना ही पड़ता है इस पोस्ट पर हम आपको संघ ऐनेलिडा के बारे में बताएंगे कि इसमें किस प्रकार के प्राणी शामिल होते हैं संघ ऐनेलिडा के लक्षण क्या है और संघ ऐनेलिडा के विशेषताएं क्या है आइए जानते हैं संघ ऐनेलिडा के बारे में
संघ ऐनेलिडा परिचय
संघ ऐनेलिडा के अंतर्गत करीब 10000 जातियां आती हैं ऐनेलिडा शब्द का मतलब होता है छल्ला वाला देह युक्त जंतु इस संघ का स्थापना का श्रेय लैमार्क को दिया जाता है इन्होंने 1801 में इस संघ की स्थापना की इस संघ के अंतर्गत लंबे पतले बेलनाकार देहगुहा वाले खंड से बने जंतु शामिल है
Scientific name- Annelida
Kingdom-Animalia
Superphylum- Lophotrochozoa
संघ ऐनेलिडा के लक्षण
इस प्रकार की जीव अधिकांश जलीय होते हैं किंतु कुछ जीव नम भूमि में भी बिल बना कर रहते हैं इसके अतिरिक्त यह जीव जलीय वातावरण में बाह्य परजीवी के रूप में पाए जाते हैं
- इनका शरीर लंबा पतला तथा बेलनाकार होता है
- इस प्रकार के जीव बहु कोशिकीय होते हैं
- इनका शरीर तीन स्तरों से ढका होता है
- इस प्रकार के जीवो का शरीर के खंडों में विभाजित होता है
- संगीत ऐनेलिडा के संगीता की जीवो की शरीर की भित्ति कई परतों में बनी होती है
- इसमें क्यूटिकल बहुत पतला होता है
- संघ ऐनेलिडा की जीवो में छोटे-छोटे कांटे के समान रचना होती हैं
- इसमें शरीर की दीवार और आहार नाल की बीच की जगह को दे हुआ कहते हैं
- संघ ऐनेलिडा के जीवो में पूरी तरह से अंग तंत्र का विकास होता है
- स्तनधारी जीवो जैसी ही इसमें भी आहार नाल नलिका कार होती है
- इसमें परिसंचरण तंत्र बंद प्रकार का होता है
- इसमें भी किडनी जैसी रचना पाई जाती है जिससे उत्सर्जन का काम हो पाता है
- इसमें स्वसन तंत्र में स्वसन त्वचा के द्वारा स्वसन या गिल्स के द्वारा होता है
- इसमें पाए जाने वाले तंत्रिका तंत्र अधर तंत्रिका रज्जू होता है
- इस सब में पाए जाने वाले कुछ जंतु एक लिंगी और उभयलिंगी होते हैं
- इसमें लारवा काल में एक stage होती है जिसे ट्रॉकोफोर कहा जाता है
संघ ऐनेलिडा का वर्गीकरण
वर्ग 1 – Polychaeta
Example -नेरीस, अम्पीट्राइट
वर्ग 2- Oligochaeta
Example- फेरेटीमा, ट्यूबेफिक्स
वर्ग 3- Hirudinea
Example- जोंक
ऐनेलिडा संघ के जीव -जोक ( leech )की विशेषताएं
- यह तालाबों नदी जिलों में पाया जाता है तथा जीवो के बाद शरीर पर लटक कर बाह्य परजीवी के रूप में खून चूसता है
- शरीर लंबा होता है और खंडों में विभाजित होता है
- शरीर के अगले भाग पर अग्र चूसक पश्च भाग पर पश्च चूसक होता है
- शरीर पर वृक की उपस्थिति होती है
- जोक उभय लिंगी होता है
- इसमें स्वसन अंग नहीं बल्कि इसके द्वारा त्वचा स्वसन किया जाता है
CONCLUSION – संघ ऐनेलिडा
दोस्तों हमने इस पोस्ट पर संघ ऐनेलिडा के बारे में संपूर्ण जानकारी आपको देने की कोशिश की है संघ ऐनेलिडा के लक्षण हमने विस्तार से आपको समझाया है जिसे आपने जाना कि संघ ऐनेलिडा में कौन-कौन से जंतु आते हैं,उम्मीद है जानकारी आपको पसंद आई होगी