आइए जानते है कि शैवाल क्या है ( algae kya hai )-आप लोगों ने पानी में हरे रंग का गुँथा हुआ पदार्थ देखा होगा जोकि गुच्छी के रूप में होता है इसे ही शैवाल कहा जाता है शैवाल अधिकांश पानी और नमी युक्त जगह पर पाए जाते हैं और इन में पाए जाने वाले हरे रंग की वजह से यह पौधों के समान प्रकाश संश्लेषण की क्रिया में भाग भी लेते हैं आइए विस्तार से जानते हैं कि शैवाल क्या है और शैवाल के लक्षण क्या है
शैवाल क्या है
जितने भी जीव और प्लांट्स है यह सभी कोशिकाओं से बने हैं वैसे ही नमी मे पाये जाने वाला शैवाल भी यूकेरियोटिक कोशिका से बना है इनमें क्लोरोफिल पाया जाने की वजह से यह हरे रंग का दिखाई देता है इसकी वजह से यह पादप की श्रेणी में आता है और प्रकाश संश्लेषण की क्रिया में भाग लेता है,शैवाल में भ्रूण का निर्माण नहीं होता और लैंगिक अंग बहुकोशिकीय बाहरी आवरण से घिरा नहीं होता, इस प्रकार की काईक संरचना युक्त यह प्रजाति शैवाल कहलाता है
- व्हीट केपर के पांच जगत वर्गीकरण में इसका वर्गीकरण शैवाल प्रभाग के अंतर्गत बहुकोशिकीय शैवाल में रखा गया है
- इसका अध्ययन माइकोलॉजी नामक जीव विज्ञान की एक शाखा के अंतर्गत किया जाता है
शैवाल के विशिष्ट लक्षण
- शैवाल स्वपोषी होता है
- इनमें पाया जाने वाला क्लोरोफिल की वजह से यह हरा होता है
- क्लोरोफिल की वजह से यह प्रकाश का पूर्ण संश्लेषण कर अपने लिए खाना बनाता है
- लैंगिक अंग बाहरी कोशिकाओं से घिरा हुआ नहीं जाता
- इसकि कोशिका भित्ति पेक्टिन और सेल्यूलोस की बनी होती है
- जब इसमें निषेचन होता है तब बनने वाला जायगोट से भ्रूण का निर्माण नहीं हो पाता
- शैवाल के द्वारा जब भोज्य पदार्थ बनाया जाता है तब वे स्टार्च के रूप में संग्रहित होते हैं
- इसमें समवहनी उत्तक बिल्कुल नही पाये जाते
शैवाल का वर्गीकरण
शैवाल के रंग रूप और कोशिकाओं के रचना के आधार पर शैवाल का वर्गीकरण किए गए हैं
- RHODOPHYTA- लाल शैवाल
- PHEOPHYTA- भूरा शैवाल
- CHLOROPHYTA- हरा शैवाल
आइए इनके बारे में विस्तार से बात करते हैं
RHODOPHYTA–
यह लाल प्रकार का होता है और यहां अधिकांश समुद्री जल में पाया जाने की वजह से भी इनका रंग लाल होता है, यह पानी में जिसे ठोस आधार से चिपकी होते हैं जैसे किसी चट्टान या हैपटेरौन द्वारा
इसकी विशिष्ट लक्षण
- इस प्रकार की लाल शैवाल की लंबाई आधा मीटर तक होता है
- इसका लाल रंग r-फायको इरिथ्रीन और r-फायकोसायनिन के कारण होता है
- लाल शैवाल में चल कोशिका नहीं पाया जाता
- बनाया हुआ भोजन फ्लोरिडियन स्टार्च के रूप में भंडारित होता है
- लाल शैवाल का जीवन चक्र तीन अवस्था में होता है
PHEOPHYTA-
इस प्रकार के शैवालो, नमकीन जल और सामान्य जल दोनों अवस्था में पाए जाते हैं किंतु नमकीन जल में पाए जाने वाले शैवालो की प्रजाति ज्यादा होती है, इसकी एक ही प्रजाति सामान्य जल में पाया जाता है जो bodonella pleurocladia है,PHEOPHYTA प्रकार के अधिकांश शैवाल समुद्री जल में सतह पर पाए जाते हैं इस प्रकार की शैवाल को समुद्री खरपतवार भी कहा जाता है
PHEOPHYTA शैवाल के लक्षण
- इन शैवालो में fucoxanthin नामक वर्णक़ पाया जाता है जिसकी वजह से इसका रंग भूरा होता है
- इसका शरीर की संरचना साखित बहुकोशिकीय और सूत्रीय होता है
- इनकी कोशिका भित्ति cellulose के अतिरिक्त alginic acid और fusinic acid भी पाया जाता है
- इस भूरे शैवाल में जनन कोशिकाएं एक कोशिकीय होती है
- इनकी कोशिकाओं में भोज्य पदार्थ का संग्रहण laninarin और मैनीटाल के रूप मे होता है
CHLOROPHYTA-
इस प्रकार की हरे शैवाल अधिकांश सामान्य जल में पाए जाने वाले शैवाल होते हैं,यह शैवाल अधिकांश नम स्थानों के ऊपर उगते हैं
हरे शैवाल के विशिष्ट लक्षण
- किस प्रकार के शैवाल का रंग हरा होता है
- शैवाल में पाया जाने हरा वर्णक क्लोरोफिल a और क्लोरोफिल b पाया जाता है
- इसमें भी संचित भोजन स्टार्च के रूप में उपलब्ध होता है
- इन सवालों की कोशिका भित्ति cellulose की बनी होती है
- इनके जनन अंग एक कोशिकीय होते हैं
लाल शैवाल,भूरे शैवाल और हरे शैवाल की तुलना
क्र | लाल शैवाल | भूरे शैवाल | हरे शैवाल |
समुद्री जल में पाया जाता है | समुद्र में पाए जाते हैं | स्वच्छ जल में पाया जाता है | |
2 | बहुकोशिकीय है | यह भी बहुकोशिकीय होते हैं | एक कोशिकीय प्रकार का है |
3 | क्रोमेटोफोर्स इसकी कोशिका के अंदर में पाए जाते हैं | इसमें भी क्रोमेटोफोर्स इसकी कोशिका के अंदर में पाए जाते हैं | क्लोरोप्लास्ट पाया जाता है |
4 | चल कोशिका नहीं पाई जाती है | इसमें भी चल कोशिका पायी जाती है | चल कोशिका पाई जाती है |
5 | इसमें भोजन का भंडारण फ्लोरेडिओन स्टार्च के रूप में होता है | भोजन का भंडारण लेमेरिन और वसा के रूप में होता है | भोजन का भंडारण स्टार्च के रूप मे होता है |
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CONCLUSION – शैवाल क्या है
शैवाल एक हरा प्रकार का प्लांट्स प्रजाति का है जो अधिकांश नम और जलीय स्थानों पर पाया जाता है एक छोटे से गुछे के समान होता है,आप लोगों लोगों ने अधिकांश शैवाल हरे रंग का ही देखा होगा किंतु जब पानी की स्थिति नमकीन हो जाती है तब शैवाल का रंग भी बदल जाता है जिसमें यह लाल और भूरे रंग का पाया जाता है इसके आधार पर ही इसके अंदर की कोशिकाओं की संरचना और भोजन संग्रहण करने की युक्ति भी बदल जाती है उपरोक्त पोस्ट पर हमने आपको बताने की कोशिश की है कि शैवाल क्या होता है और शैवाल के प्रकार कितने हैं
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Q शैवाल किसे कहते हैं?
शैवाल नमी में पाए जाने वाले एक यूकेरियोटिक ऐसा प्रजाति है जिसमे क्लोरोफिल पाया जाता है इसका शरीर साखित संरचना वाला होता है
Q शैवाल कहाँ पाया जाता है?
शैवाल अधिकांश नमी युक्त स्थानों में पाया होने वाला पादप है
Q शैवाल कैसा दिखता है?
शैवाल हरे रंग का दीखता है जो गुथा हुआ होता है
Q शैवाल कौन से जगत में आते हैं?
इसका वर्गीकरण शैवाल प्रभाग के अंतर्गत बहुकोशिकीय शैवाल में रखा गया है