दोस्तों आज हम आपको 5G और भारत में MOBILE में CELLULAR सेवा के इतिहास के बारे में बताएँगे सेल्लुलर टेलीफ़ोन सर्विस भारत में सन 1994 से प्रारम्भ हुई CELLULAR शब्द की उत्पत्ति अंग्रेजी की CELL शब्द से हुई है जिसमे दो CELL PHONE के माध्यम से सन्देश भेजना अर्थात बातचित हो पाती है CELLULAR फ़ोन का मुख्यतः उपयोग MOBILE के जरिये से सन्देश भेजनें में की जाती है
CELLULAR सेवा मुख्यतः SATELLITE BASED सर्विस है इसमें CELLPHONE एक MOBILE TOWER से CONNECTED होते है
भारत में GSM- GLOBAL SYSTEM FOR MOBILE COMMUNICATION का उपयोग MOBILE SERVICE के लिए उपयोग की जाती है
CELLULAR SERVICE का इतिहास भारत में –
भारत में आरम्भ में 2 STEPS में GSM SERVICE START की गई प्रथम चरण में 4 महानगरो को जोड़ा गया द्वितीय चरण में देश के सभी राज्यों को आपस में जोड़ा गया
दोस्तों इसके तहत देश के 8 महानगरो को LISENCE प्रदान किया गया
इसके बाद ही अगले वर्ष 1995 में कलकत्ता में मोदी TELESTRA NETWORK द्वारा देश में पहली बार MOBILE में CELLULAR सर्विस प्रदान किया गया इस SERVICE का निर्माण NOKIA COMPANY द्वारा किया गया था जो की फीनलैंड की MOBILE COMPANY है इसके बाद ही दिल्ली में भारती CELLULAR LIMITED COMPANY द्वारा CELLULAR SERVICE प्रदान की गयी
GSM के लिए क्या जरुरी है
दोस्तों हमें MOBILE के CELLULAR SERVICE से जुड़ने के लिए SIM CARD की जरुरत होती है ईसका FULL FORM SUBSCRIBER आइडेंटिटी मॉडुलव CARD होता है यह एक CHIP होती है जो अर्धचालक SILICON CHIP पर programed होता है
इस CHIP में उपभोक्ता के सभी जरुरी DETAILS होते है जो CELLULAR SERVICE के लिए बहुत आवश्यक होते हे और इसे सिर्फ MOBILE और COMPUTER द्वारा पढ़ा जा सकता हे इस SIM CARD को किसी भी MOBILE के SIM स्लॉट में डालकर CELLULAR SERVICE का उपयोग किया जा सकता है
आज कल SIM के द्वारा WAP WIRELESS ACESS PROTOCOL द्वारा INTERNET SERVICE का भी लाभ लिया जा सकता है
CELLULAR फोन प्रणाली –
FDMA-
फरिक्कीवेसी डिवीजन मल्टीप्ल एक्सेस इसका FULL FORM है यह ANALOG आधारित COMMUNICATION NETWORK है इस प्रणाली में ANALOG SYSTEM द्वारा 30 किलोहेर्ट्ज CHANEL के द्वारा फ्रेकवेसी पर काम किया जाता है
FDMA द्वारा जब कोई कॉल किया जाता है तो पुरे CALL के दौरान यह पुरे फ्रेकवेसी को RISERVE कर लेता है जिससे VOICE DATA फ्रेकवेसी band पर MODULATE कर उसको एयरवसे द्वारा VOICE को भेज दिया जाता है
RECEIVER द्वारा BAND पास फ़िल्टर द्वारा इनफार्मेशन के ले लिया जाता है , ANALOG SYSTEM में शोर को कम नही किया जा सकता इस कारण यह वर्तमान में जादा उपयोगी नही है दोस्तों
TDMA-
FDMA के तकनीक पे आधारित यह सेवा में आवृत्ति के साथ समय को भी कई चैनलों में बाट देता है जिससे digital compression के द्वारा वायस 10 kb – – second में एक जगह से दूसरे जगह पहुंच जाती है, इसका मुख्य लाभ यह होता है CELLULAR system की छमता बढ़ जाती है, और इसका दूसरा लाभ यह है की इसमें वायस की क़्वालिटी खराब हो या traffic की समस्या हो तो भी सभी को Chanel slot उसी आधार पर बटता है
CDMA-
- यह भी एक cellular तकनीक है जिसमे IS 95 अनलॉग सिस्टम TECHNOLOGY का उपयोग किया जाता है, इसका विकास QUALCOMM ने किया है
- इसमें प्रत्येक CALL के लिए अलग CODE की व्यस्था की गई है जिससे प्रत्येक CALL में अंतर देखा जा सकता है.
- इसमें विभिन्न प्रकार की SIGNAL को एक ही TRANSMISSION चैनल मे गुजारा जाता है,
- इससे लाभ यह होता है की BANDWITH का उपयोग अधिक से अधिक किया जा सके.
- यह TECHNOLOGY 900 MHZ से 1.9 GIGA HERTZ पर काम करती है
- इस तकनीक का मुख्य फायदा यह है की यह अन्य TECHNOLOGY के COMPARE मे बेहतर SERVICE देती है जो वॉइस या DATA के रूप मे होता है
- Cdma प्रत्येक उपयोगकर्ता को एक अलग आवृत्ति के साथ connect नही करता बल्कि सभी चैनल उपलब्ध spectrum का ही प्रयोग करती है
GSM- GLOBAL SYSTEM FOR MOBILE
- 1987 मे यूरोप मे CONGRESS OF POSTAL AND COMUNICATION ADMINISTRATION मे एक समूह का गठन कर एक ऐसी तकनीक बनाने की बाट की गयी जो पुरे यूरोप मे एक सामान होती
- 1989 मे इसे बनाने की जिम्मेदारी यूरोपीयन टेलिकम्युनिकेशन स्टैण्डर्ड इंस्टिट्यूट को दिया गया जिसके बाद पहला GSM सेवा का उपयोग 1991 फिनलैंड मे किआ गया
- इसके बाद लगभग 70% सम्पूर्ण विश्व मे GSM की भागीदारी हो गई
- 1994 आसपास जब INDIA मे टेलीफोन सेवा का सुरुवात किया गया तब GSM सेवा का ही उपयोग किया गया था
- GSM मे TDMA TECHNOLOGY का उपयोग किया जाता है जिसमे 4 आवृतिया काम करती है जिसमे – 850,900,1800, और 1900 मेगा हर्टज़ का उपयोग होता है
- GSM मे अलग अलग साइज के मोबाइल उपयोग किये जाते हैँ जिनमे MICRO, MACRO, PICO, और FEMTO का उपयोग किया जाता हैँ
3G- third generation
भारत मे 11 दिसम्बर 2008 को MTNL के द्वारा 3G सेवा का शुरुआत किया गया था, इसका उद्घाटन दिल्ली मे हुआ और इसे जादू नाम दिया गया था
2G से एक कदम आगे का सफर 3G कहलाया
2G मे NET स्पीड 144 KB अधिकतम DATA स्थातरण हो सकता है जबकि 3G मे अधिकतम स्पीड 2 MB की होती है ये बात अलग है की INDIA मे इतनी स्पीड कभी यहाँ मिली ही नही
3G मे BANDWIDTH 15-20 मेगा हर्टज मे SIGNAL का स्थानांतरण होता है
DATA TRANSFER TECHNOLOGY मे BANDWIDTH जितना अधिक होगा उसकी स्पीड भी उतनी ही अधिक होगी
3G सेवा का सबसे पहले उपयोग जापान मे 2006 मे किया गया था
4G- fourth generation
भारत मे 2012 मे 3g के बाद का अगला पीढ़ी 4G का आगमन हुआ जो की कलकत्ता शहर मे BRANDBAND WIRELESS ACCESS के जरिये 4G SERVICE थी
- 2017 मे JIO की OFFICIAL 4G सेवा ने भारत की तकनीकी मे एक नया युग की सुरुवात की
- 4G SERVICE के लिए नया SIM जिसको USIM – UNIVERSAL SUBSCRIBER IDENTIFICATION MODULE कहते है का उपयोग किया जाता है
- इस USIM की छमता 128 KB की होती है
- USIM किसी भी NETWORK के साथ JAWA आधारित APPLICATION से जुड़ सकती है
- 4G SERVICE को लोकल एरिया नेटवर्क के आधार उपयोग किया जाता है जबकि 3G को WIDE AREA NETWORK के तहत उपयोग किया जाता है
4G तकनीक के लाभ
- 100 MB वेब SURFING स्पीड मिलती है
- BANDWIDTH 5-20 मेगा हर्टज है
- VIDEO कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधा
- टेलीमेडिसिन की सुविधा मिलती है
- E-GOVERNANCE की सुविधा सभी जगह मिलती है
LTE – LONG TERM EVALUATION
यह 4G का ही एक प्रकार है जो WIMAX और BROADBAND WIRELESS ACCESS तकनीक पर काम करती है
LTE मे दो तकनीक का उपयोग किया जाता है जिसमे TIME DIVISON DUPLEXING – TDD और FDD FREQUENCY DIVISON DUPLEXING का उपयोग किया जाता है और इनका उपयोग करने का मुख्य उदेश्य SPECTROM प्रयोग करने की नीतिओं के आधार पर है
- LTE का मुख्य उदेश्य अधिक स्पीड से DATA TRANSFER करना है
- LTE का विकास 2004 मे TORONTO मे हुआ जिसे 3GPP – GENERATION PARTNERSHIP PROJECT के तहत विकसित किया गया था
- वर्ष 2007 मे जापानी COMPANY DOCOMO 4 G तकनीक की PROTOTYPE का परीछण किया था
- वर्ष 2009 मे OFFICIAL रूप से STOCKHOME और SWIDIN मे 4G सेवा का उपयोग हुआ
VOLTE- VOICE OVER LONG TERM EVALUATION
एक समय मे CALL करते करते बीच मे ही CUT हो जाता था जिससे इसका उपाय निकलने के प्रयास के कारण ही VOLTE का अविष्कार हुआ
NORMAL MOBILE मे कालिंग के दौरान MOBILE एक TOWER से दूसरे TOWER के मध्य SIGNAL द्वारा MOBILE जुडा होता है जो की CALL DROP होने की मुख्य वजह है
VOLTE मे INTERNET DATA का उपयोग बात करने के लिए किया जाता है इसमें DATA के साथ मे कालिंग सुविधा MERGE है जिससे अलग से कालिंग हेतु RECHARGE की जरुरत नही होती
इसमें कालिंग और DATA TRANSFER के लिए एक ही माध्यम का उपयोग किया जाता है
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5G -fifth generation
4G का स्पीड को दुनिया भर मे उपयोग करने के बाद बाद दुनिया ने और अधिक स्पीड की चाहत की वजह से 5G SERVICE का निर्माण किया गया वैसे देखा जाय तो यह 4G का उत्तराधिकारी है
चाइना जैसे देशों मे इसकी सुरुवाती हलचल ने इसे नई दिशा दी जिससे सभी स्पीड के चाहने वाले भी इस दौड़ मे कूद पड़े इससे हुआ यह की अब TECHNOLOGY कम्पनिया 5G को ध्यान मे रखते हुए नये HARDWARE बनाने लगे
अमेरिका, जापान, रूस और चाइना जैसे देशों मे इसका अब उपयोग भी होने लगा है
टेक्नोलॉजी report के हिसाब से देखे तो AT&T के 5G service ने 1.8 GB पर सेकंड की download स्पीड दी है खैर यह सुरुवात है देखते है 5G SERVICE मे और कितने सुधार होते हैं
FAQ
Q- 5G kya hai
A – मोबाइल नेटवर्किंग टेक्नोलॉजी की 5th जनरेशन हैं जिससे इंटरनेट की speed बहुत जादा मिलेगी
Q CELLULAR TELI-PHONE SERVICE kya hai
A- SATELLITE BASED संचार सेवा हैं जिससे mobile से लाभ उठाया जा सकता है
CONCLUSION
तो मित्रो आज हमने बात की CELLULAR TELI-FHONE SERVICE के बारे मे , internet technology के इस नये दौर मे नित्य नये नये अविष्कार होते रहते हैं जिससे नये संचार के साधन नये स्पीड और छमता के साथ आते हैं आप मुझे कमैंट्स कर बताये भविष्य मे संचार के साधन कैसे होंगे